Thursday, May 15, 2025
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Social Media Impact: ‘सोशल मीडिया’ वास्तविक अर्थों में मीडिया नहीं

लखनऊ, 1 मार्च। Social Media Impact: सोशल मीडिया आज हमारे जीवन के प्रत्येक हिस्से में दाखिल हो चुका है, हमारी गतिविधियों को नियंत्रित कर रहा है लेकिन इसे मीडिया नहीं कहा जा सकता क्योंकि इसमें कोई गेटकीपर नहीं है। कोई संपादक नहीं। सब कुछ निर्बाध है।

उपरोक्त विचार बीबीसी से जुड़े रहे वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी ने “जन विचार मंच” लखनऊ के तत्वावधान में यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में आयोजित संगोष्ठी “सोशल मीडिया कितना प्रभावी?” में व्यक्त किए।

श्री त्रिपाठी ने कहा कि सोशल मीडिया के बहुत से नकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं जैसे अवसाद, मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव और व्यसन की आदतें।

संगोष्ठी के प्रथम वक्ता के तौर पर एक चर्चित यू-ट्यूब चैनल से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह ने कहा पूरे विश्व में तीन अरब से ज्यादा की आबादी फेसबुक से जुड़ी है। भारत में 35 करोड लोग सोशल मीडिया की पहुंच में हैं, यहां व्हाट्सएप की भूमिका सबसे ज्यादा प्रभावी है। सोशल मीडिया को चलाने वाली ताक़तें अदृश्य रूप से इसके यूजर्स के पूरे जीवन को प्रभावित कर रही हैं।

यू-ट्यूब चैनल चलाए जाने के अपने अनुभवों को साझा करते हुए शीतल पी सिंह ने कहा कि यू-ट्यूब में किसी भी चैनल की पहुंच सभी लोगों तक नहीं है। बल्कि चैनल केवल कुछ सीमित वर्गों तक ही पहुंचते हैं। यू-ट्यूब ने श्रोताओं को उसकी पसंद, जाति, लिंग, धर्म के नाम पर विभक्त कर रखा है।

वरिष्ठ पत्रकार गोविंद पंत राजू ने कहा कि सोशल मीडिया का बेहद नकारात्मक पक्ष यह है कि, यह हमारी निजता को समाप्त कर रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया के सकारात्मक पक्षों की चर्चा करते हुए बताया कि किस तरह से देश के अलग-अलग हिस्सों में समय-समय पर सोशल मीडिया के माध्यम से अन्याय एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ जन आंदोलन खड़े हुए हैं।

इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलॉजी विभाग के पूर्व प्रमुख डा.नदीम हसनैन ने विदेशों में अपने प्रवास के दौरान सोशल मीडिया अनुभवों को साझा किया।

संगोष्ठी में लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डा.रूपरेखा वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र, सुहैल वहीद अंसारी, कुमार सौवीर, नवेद शिकोह, अखिलेश मयंक, नाइश हसन, मधु गर्ग, अशोक गर्ग, नवाबउद्दीन, वंदना राय, अंशु केडिया आदि शामिल थे। संगोष्ठी का संचालन प्रतुल जोशी ने किया।

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