US Attacks Iran: अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्लियर ठिकानों पर बमबारी कर तबाही मचा दी है। यह अमेरिका का ईरान पर पहला सीधा हमला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर सफलतापूर्वक बमबारी की गई है।
Iran Israel Conflict: ईरान और इजरायल के बीच शुरू हुआ तनाव अब जंग की शक्ल लेता जा रहा है। शनिवार को अमेरिका ने पहली बार ईरान पर सीधा हवाई हमला किया और तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इस हमले की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की और अमेरिकी वायुसेना की इस कार्रवाई को बेहद सफल बताया। इस हमले ने वेस्ट एशिया की स्थिति और भी ज्यादा गंभीर बना दी है।
ईरान के इन तीन न्यूक्लियर साइट्स पर हमला
डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार रात 7:50 बजे (ET) सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों- फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर सफलतापूर्वक बमबारी की है। सभी विमान ईरान की एयरस्पेस से बाहर आ चुके हैं और सुरक्षित वापस लौट रहे हैं। फोर्डो पर फुल पेलोड बम गिराए गए।”
पोस्ट में ट्रंप ने आगे कहा, “हमारे महान अमेरिकी वॉरियर्स को बधाई। दुनिया की कोई और फौज ये काम नहीं कर सकती थी। अब वक्त है शांति का। उम्मीद है सभी देश इस संदेश को गंभीरता से लेंगे।”
फोर्डो पर क्यों था खास ध्यान?
ईरान का फोर्डो प्लांट पहाड़ के अंदर स्थित है और इसे सिर्फ अमेरिका के पास मौजूद GBU-57 ‘बंकर बस्टर’ बम से ही नुकसान पहुंचाया जा सकता है। यह प्लांट ईरान का सबसे सुरक्षित और एडवांस माना जाता है, जिसमें यूरेनियम समृद्ध करने वाली अत्याधुनिक तकनीक मौजूद है।
B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स से हुआ हमला
अमेरिका ने इस हमले के लिए B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया, जो GBU-57 जैसे भारी बम ले जाने में सक्षम हैं। ये बम करीब 30,000 पाउंड वजनी होते हैं। अमेरिका के पास ही ऐसी क्षमता है, इसलिए फोर्डो पर हमला करने के लिए अमेरिका का बीच में आना जरूरी था।
रिपोर्ट्स के अनुसार ईरान के परमाणु ठिकाने को निशाना बनाने के लिए 13,000 किलोग्राम से अधिक वजनी अमेरिकी बंकर बस्टर का इस्तेमाल किया गया था।
ट्रंप ने ईरान को दी थी चेतावनी
मंगलवार को ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट कर ईरान से ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ की मांग की थी। उन्होंने लिखा था, “UNCONDITIONAL SURRENDER!” बुधवार सुबह व्हाइट हाउस के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, “मैं कर सकता हूं… हो सकता है न करूं। कोई नहीं जानता मैं क्या करने वाला हूं।” जब उनसे पूछा गया कि ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ से उनका क्या मतलब है, तो उन्होंने कहा, “इसका मतलब है कि अब मेरा सब्र टूट चुका है। अब और नहीं।”
इसके बाद ट्रंप ने जोड़ा, “अब हम वहां जाकर सारे न्यूक्लियर ठिकाने उड़ा देंगे, जो भी वहां फैले हुए हैं।”
इजरायल ने भी किया हमला
यूएस के हस्तक्षेप से पहले इजरायल ने भी ईरान के कई न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया और इस दौरान ईरान के 9 न्यूक्लियर साइंटिस्ट और कई टॉप आर्मी कमांडर मारे गए हैं। इजरायल ने अमेरिका की इंटेलिजेंस और हथियारों की मदद से यह कार्रवाई की।
इजरायल पर ईरान के जवाबी हमले को यूएस ने कैसे रोका
जब ईरान ने इजरायल पर जवाबी मिसाइल हमले किए, तब अमेरिका ने अपने इंटरसेप्टर और नौसैनिक सिस्टम से इजरायल को नुकसान से बचाया। अमेरिकी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस पूरी सैन्य कार्रवाई में अमेरिका-इजरायल की गहरी रणनीतिक साझेदारी दिखी।