Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाला आतंकी हमला हुआ। बैसारन इलाके में हुए इस हमले में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिसमें 28 लोगों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। हमले के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने सोशल मीडिया पर एक घायल पर्यटक की तस्वीर साझा करते हुए ली है। यह आतंकी समूह लंबे समय से पाकिस्तान से संचालित होता है और भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, इसे पाकिस्तानी सेना का संरक्षण प्राप्त है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकी हमले को “जघन्य कृत्य” करार देते हुए कहा, “हमारे निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वालों को न्याय जरूर मिलेगा।”
- गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा। केंद्र सरकार पूरी सख़्ती से जवाब देगी।”
- मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “यह हाल के वर्षों में आम नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा हमला है। मैं स्तब्ध हूं।”
- लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा, “हमलावरों की पहचान कर उनके खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।”
- महबूबा मुफ्ती ने कहा, “कश्मीर की पहचान मेहमाननवाज़ी है। ऐसी हिंसा निंदनीय और अस्वीकार्य है।”
- राहुल गांधी ने इसे “कायरतापूर्ण हमला” बताते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई।
घायलों की स्थिति
घायलों को अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। एक गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को श्रीनगर स्थानांतरित किया गया है। घायलों की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय निंदा और समर्थन
इस आतंकी हमले की निंदा दुनिया भर से हुई है:
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से बात कर गहरा दुख जताया और कहा कि अमेरिका आतंक के खिलाफ भारत के साथ है।
- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे “क्रूर अपराध” बताया और सख़्त निंदा की।
- इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार, ईयू प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन, जापान, सिंगापुर, श्रीलंका, एस्टोनिया, और फ्रांस समेत कई देशों ने हमले को “अमानवीय और अक्षम्य” बताया।
- अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, जो भारत यात्रा पर हैं, ने कहा, “भारत की इस पीड़ा में हम पूरी तरह से साथ हैं।”
चीन, पाकिस्तान और कनाडा की चुप्पी
हमले के 12 घंटे बाद भी पाकिस्तान, चीन और कनाडा की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे कूटनीतिक सवाल उठ रहे हैं।
- भारत के खुफिया सूत्रों के अनुसार, हमले को अंजाम देने वाले आतंकी विदेशी मूल के थे, जिनमें से अधिकांश पाकिस्तानी नागरिक थे।
- पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा और TRF ने इस हमले की साजिश रची थी। हाल ही में पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष असीम मुनीर ने कश्मीर को “पाकिस्तान की शिरकत की नस” बताया था, जिससे हमले के पीछे की विचारधारा उजागर होती है।
- चीन, जो अक्सर पाकिस्तान का समर्थन करता है, की ओर से भी कोई बयान नहीं आया।
- कनाडा, जिसके साथ हाल के वर्षों में खालिस्तानी मुद्दों को लेकर संबंध खराब रहे हैं, अभी तक चुप है।
पर्यटन सीज़न के दौरान हमला
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब कश्मीर घाटी में टूरिज्म सीज़न चरम पर है और पहलगाम देशी-विदेशी पर्यटकों से भरा हुआ है। पहलगाम अपने हरे-भरे मैदानों, शांत झीलों और ट्रैकिंग ट्रेल्स के लिए जाना जाता है।
सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर
केंद्र सरकार ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है। सुरक्षाबलों को निर्देश दिए गए हैं कि हमलावरों को किसी भी कीमत पर पकड़ा जाए और उन्हें कठोर दंड मिले।