South West Monsoon: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने इस वर्ष समय से काफी पहले भारत में दस्तक दी है और तेजी से उत्तर और पूर्व की ओर बढ़ रहा है। नीचे इस अपडेट की मुख्य बातें दी गई हैं:
अब तक कहां तक पहुंचा मॉनसून (26 मई 2025 तक):
- केरल: 24 मई को ही मॉनसून ने एंट्री कर ली (सामान्य तिथि: 1 जून)।
- महाराष्ट्र: 25 मई को मॉनसून पहुंचा — 35 वर्षों में सबसे जल्दी।
- पहुँच वाले अन्य क्षेत्र:
- कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र के कुछ हिस्से,
- उत्तरी बंगाल की खाड़ी,
- मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड के हिस्से।
मॉनसून की वर्तमान उत्तरी सीमा:
देवगढ़, बेलगावी, कावेरी, मांड्या, धर्मपुरी, चेन्नई, आइजोल और कोहिमा।
जल्दी आने की वजह क्या है?
- अरब सागर में निम्न दबाव का क्षेत्र बनना।
- विदर्भ तक ट्रफ लाइन फैली हुई है — यह नमी खींच रही है।
- ENSO (अल-नीनो) की स्थितियां फिलहाल सामान्य हैं, जिससे मॉनसून मजबूत बना है।
- हिमालयी क्षेत्र में बर्फ की परत कम होना — इससे तापमान में अंतर बना और मानसूनी हवाओं को बढ़ावा मिला।
अब मॉनसून कहां पहुंचेगा? (IMD का पूर्वानुमान)
- अगले 3 दिनों में:
- मुंबई, बेंगलुरु,
- कर्नाटक व आंध्र के और हिस्से,
- तमिलनाडु के शेष भाग,
- पूर्वोत्तर राज्यों के और हिस्से।
प्रभाव: जल्दी आने से क्या होगा फायदा?
- कृषि: समय से बुवाई शुरू हो सकेगी।
- पशुपालन व मछली पालन: पानी की उपलब्धता बढ़ेगी।
- जल संकट वाले क्षेत्र जल्दी राहत पा सकते हैं।
मध्य प्रदेश में कब पहुंचेगा मॉनसून?
- संभावित आगमन: जून के पहले सप्ताह में (1–7 जून के बीच)
- सामान्य तिथि: 16 जून
- पिछले वर्षों में आगमन:
- 2023: 24 जून
- 2022: 21 जून
IMD भोपाल की अधिकारी दिव्या सुरेंद्रन के अनुसार, मॉनसून की रफ्तार को देखकर इस बार 8–15 दिन पहले मध्यप्रदेश में इसके पहुंचने की उम्मीद है।