भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में सरकार को रिकॉर्ड ₹2.69 लाख करोड़ का डिविडेंड दिया है, जो अब तक का सबसे बड़ा है। यह खबर चर्चा में है क्योंकि RBI का मूल उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं है, फिर भी वह सालाना अच्छा-खासा लाभ कमाता है। आइए समझते हैं कि RBI मुनाफा कैसे कमाता है और इसका सरकार पर क्या असर पड़ता है।
RBI कैसे कमाता है मुनाफा?
RBI के मुनाफे के मुख्य स्रोत निम्नलिखित हैं:
1. विदेशी मुद्रा (डॉलर) की खरीद-बिक्री से लाभ
- जब डॉलर महँगा होता है, RBI उसे बेचकर रुपये कमाता है।
- जब डॉलर सस्ता होता है, RBI उसे खरीद लेता है।
- यह व्यापारिक अंतर RBI को अच्छा खासा मुनाफा देता है।
उदाहरण: अगर RBI ने पहले 1 डॉलर = ₹75 पर खरीदा और बाद में ₹83 पर बेचा, तो उसे प्रति डॉलर ₹8 का लाभ मिला।
2. सरकारी और विदेशी बॉन्ड से ब्याज आय
- RBI विदेशी बांड (जैसे US Treasury) और भारत सरकार के बांड में निवेश करता है।
- इन पर मिलने वाली ब्याज आय RBI की एक स्थिर कमाई का जरिया है।
3. नोट छापने से ‘सीनियोरेज प्रॉफिट’
- 100 रुपये का नोट छापने में RBI को ₹3–₹4 खर्च होते हैं।
- बाकी ₹96–₹97 का अंतर सीधा मुनाफा होता है।
4. स्वर्ण भंडार से लाभ
- RBI के पास बड़ी मात्रा में सोना है।
- जब सोने की कीमत बढ़ती है, तब उसकी वैल्यू बढ़ जाती है, जिससे RBI को अप्रत्यक्ष लाभ होता है।
RBI ने इस साल बड़ा डिविडेंड कैसे दिया?
- डॉलर की बिक्री और विदेशी निवेश से भारी लाभ हुआ।
- आकस्मिक जोखिम बफर को बढ़ाकर भी अधिशेष बाँटा गया।
- इसका मतलब है कि RBI ने जोखिमों को ध्यान में रखते हुए भी ज्यादा पैसा सरकार को दिया।
केंद्र सरकार इस डिविडेंड का क्या करेगी?
- राजकोषीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी।
- रक्षा खर्च, विशेषकर पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव की स्थिति में, वित्तपोषित किया जा सकेगा।
- इससे सरकार को कम कर्ज़ लेना पड़ेगा और निजी क्षेत्र को सस्ते कर्ज़ मिलने का रास्ता खुलेगा।
- भविष्य में ब्याज दरों में कटौती संभव हो सकती है, जिससे आपकी EMI भी कम हो सकती है।
RBI भले ही मुनाफा कमाने के लिए काम नहीं करता, लेकिन उसकी मौद्रिक नीतियाँ, विदेशी मुद्रा प्रबंधन और नोट छपाई जैसे कार्यों से उसे अप्रत्यक्ष रूप से बड़ा लाभ होता है। यह लाभ देश के काम आता है — खासकर सरकार को आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में।