Saturday, December 7, 2024
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Vinoba Bhave: विनोबा भावे ने आज ही के दिन 1 अगस्त को इंदौर में रोपा था सफाई का बीज

Vinoba Bhave: स्मॉर्ट सिटी इंदौर देश का सबसे साफ सुथरा शहर है। स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार छठवीं बार उसे इस साल भी पहला स्थान मिला। इंदौर की बदौलत ही राज्यों की रैंकिंग में मध्य प्रदेश भी पहले नंबर पर है। इंदौर को साफ सुथरा बनाए रखने में नगर निगम के 11 हजार सफाई कर्मचारियों के साथ साथ नगर में रहने वाले 30 लाख लोगों का भी योगदान है। करीब 6000 करोड़ के वार्षिक बजट वाले इंदौर नगर निगम की 25 फीसदी धनराशि सफाई पर खर्च होती है। कूड़ा उठाने के लिए 1500 वाहनों का बेड़ा है। ऐसे वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस, कंट्रोल रूम और हर जोन के लिए अलग-अलग टीवी स्क्रीन भी लगे हैं। नगर के बाहर 148 एकड़ का डंपिंग ग्राउंड। 150 आदर्श यूरिनल और हर 200 मीटर पर  एक सार्वजनिक शौचालय। इंदौर में रोज 1900 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। 

देशभर के 600 नगर निगम के अधिकारी इंदौर की सफाई व्यवस्था के अध्ययन के लिए समय-समय पर यहां आते रहते हैं। इंदौर को साफ सुथरा बनाए रखने का सबसे कारगर मंत्र तीन आर-रिड्यूस, रीयूज एवं रिसाइकिल है। इंदौर में कूड़ा उठाने वाले वाहनों से प्रख्यात गायक शान की आवाज में एक गीत रोज बजता है-‘इंदौर हुआ है नंबर एक-इंदौर रहेगा नंबर एक’।

Vinoba Bhave: गुजरात के अहमदाबाद की एक कंपनी ने यहां देश का सबसे बड़ा ट्रीटमेंट प्लांट से लगा रखा है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से साफ किए गए गंदे पानी से नगर की 2200 किलोमीटर आंतरिक सड़क के रोज साफ की जाती हैं। अभी इंदौर में प्रति व्यक्ति 402 ग्राम कचरा पैदा होता है। इसे 298 ग्राम स्तर पर लाने का लक्ष्य लेकर इंदौर निगम कार्य कर रहा है। इंदौर ही देश में अकेला ऐसा नगर है, जहां अब तक दो बार जीरो वेस्ट इवेंट हो चुके हैं। 29 हजार घरों में गीले कचरे से घरेलू खाद बनाने का कार्य हो रहा है। शहर के 27 बाजार पूरी तरह प्लास्टिक फ्री हो चुके हैं।

Vinoba Bhave: शौचालयों-मूत्रालयों से लेकर 3000 सड़क किनारे डिब्बे और इनकी लाइव ट्रैकिंग प्रणाली साफ-सुथरा बनाए रखने में कारगर है। देशभर के 600 नगर निगम के अधिकारी इंदौर की सफाई व्यवस्था के अध्ययन के लिए समय-समय पर यहां आते रहते हैं। इंदौर को साफ सुथरा बनाए रखने का सबसे कारगर मंत्र तीन आर-रिड्यूस, रीयूज एवं रिसाइकिल है। इंदौर में कूड़ा उठाने वाले वाहनों से प्रख्यात गायक शान की आवाज में एक गीत रोज बजता है-‘इंदौर हुआ है नंबर एक-इंदौर रहेगा नंबर एक’।

साफ-सुथरे इंदौर की यह आधुनिक कहानी कर्णप्रिय है लेकिन इसका आधार क्या है? क्या आपको इंदौर में सफाई की पुरानी कहानी का जरा सा भी इल्म है। शायद ही कोई ‘हां’ में जवाब दे पाए। पुरानी पीढ़ी को भले यह इतिहास पता हो। याद तो उन्हें भी नहीं रह गया होगा। इस कहानी को जानने के लिए 63 वर्ष पीछे चलिए। यह कहानी जानने के लिए हमें अभी हाल ही में राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई ‘विनोबा दर्शन’ नामक पुस्तक से गुजरना होगा। 

Vinoba Bhave: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष पद्मश्री राम बहादुर राय के निर्देशन, वरिष्ठ पत्रकार मनोज मिश्र के संपादन एवं कमलेश सेन के संकलन से प्रकाशित यह पुस्तक महात्मा गांधी के आध्यात्मिक पुत्र आचार्य विनोबा भावे (Vinoba Bhave) द्वारा 24 जुलाई 1960 से 40 दिनों तक इंदौर यात्रा से जुड़ी है। ‘नई दुनिया’ अखबार के मालिक और संपादक के विशेष आग्रह पर आचार्य विनोबा भावे के इस इंदौर प्रवास की दिन प्रतिदिन आंखों देखी रिपोर्टिंग देश के प्रख्यात पत्रकार रहे प्रभाष जोशी ने की थी। तब उनकी उम्र केवल 23 वर्ष की ही थी। ‘विनोबा दर्शन’ नाम की यह पुस्तक प्रभाष जोशी की 39 रिपोर्टिंग का संग्रह है। इस पुस्तक को पढ़कर आप विनोबा के दर्शन से परिचित तो हो ही सकते हैं, नई और पुरानी पीढ़ी के पत्रकार रिपोर्टिंग की रीति-नीति भी सीख सकते हैं।

Vinoba Bhave: इसी पुस्तक के पृष्ठ संख्या-37 में इंदौर की सफाई का संक्षिप्त इतिहास दर्ज है। आचार्य विनोबा भावे ने अपनी यात्रा में इंदौर में एक अगस्त 1960 से सफाई सप्ताह शुरू करने का निर्णय लिया और रत्नागिरी महाराष्ट्र के अप्पा साहब पटवर्धन के नेतृत्व में सफाई समिति भी गठित की। आप पूछ सकते हैं कि आचार्य भावे (Vinoba Bhave) ने सफाई सप्ताह के लिए एक अगस्त की तारीख ही क्यों चुनी? प्रभाष जी की रिपोर्टिंग में ही इसका जवाब निहित है। रिपोर्टिंग बताती है कि एक अगस्त लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि है। इसीलिए आचार्य विनोबा भावे ने सफाई सप्ताह के लिए इस तारीख को चुना।

Vinoba Bhave: यात्रा के दूसरे दिन (26 जुलाई 1960) को संत विनोबा भावे (Vinoba Bhave)ने यात्रा के बीच ही सफाई समिति की बैठक कर सफाई सप्ताह के कार्यान्वयन पर विचार किया था। इस बैठक में इंदौर के तत्कालीन मेयर सरदार शेर सिंह, पूर्व में ईश्वर चंद जैन, मध्य प्रदेश हरिजन सेवक संघ और गांधी निधि के संचालक श्री दाते, मध्य प्रदेश खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह चौहान, नगर अध्यक्ष कांतिलाल पटेल, हीराबाई बोर्डिया, श्रीमती चौहान, शिक्षा उप संचालक श्री जोशी, श्री महेंद्र त्रिवेदी तथा अन्य कई महत्वपूर्ण व्यक्ति उपस्थित थे। 

Vinoba Bhave: आचार्य विनोबा भावे द्वारा शुरू किया गया यह सफाई सप्ताह केवल नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के भरोसे नहीं था। संत विनोबा भावे ने कहा था कि नागरिक और नगर निगम के कामगार दोनों मिलकर सफाई सप्ताह सफल बनाएं। उनका स्पष्ट मानना था कि हमें सफाई के लिए जनमानस तैयार करना है। इस तत्व से यह कार्य करना है कि बाबा (विनोबा भावे) के जाने के बाद भी यह कार्य चलता रहे और लोगों के मन की भावना उत्तरोत्तर बढ़ती जाए। इसीलिए उन्होंने तय किया कि सफाई सप्ताह में काम करने वाले स्वयं प्रेरणा से काम करें और इसके लिए खुद अपना नाम लिखाएं। इसके लिए सफेद कोठी पर एक अस्थाई कार्यालय भी खोला गया। उनके प्रवचन और प्रार्थना के बाद भी ऐसे स्वयंसेवकों के नाम लिखने की परंपरा रही। 

इंदौर साफ-सफाई में देश में नंबर वन क्यों है? साफ है कि इंदौर को साफ सुथरा बनाने का बीजारोपण आज से 63 वर्ष पहले 1960 में आचार्य विनोबा भावे ने अपनी यात्रा के दौरान ही कर दिया था। समय पर खाद पानी पाकर सफाई की यह मनोवृत्ति हरा-भरा वृक्ष बनकर आप सबके सामने एक नए उदाहरण के साथ प्रस्तुत है।

Vinoba Bhave: आचार्य विनोबा भावे (Vinoba Bhave) ने इस बैठक में यह भी कहा था कि यह सप्ताह किसी संस्था विशेष के नेतृत्व में नहीं मनेगा। सभी संस्थाएं इसमें सहयोग देंगी और यह नागरिकों का सप्ताह होगा। वह मानते थे कि अंग्रेजों ने हमें मुक्त कर दिया लेकिन जब तक मेहतरों को उनके काम से मुक्त नहीं करते, तब तक आजादी सच्ची नहीं हो सकती। इस इतिहास से गुजरते हुए आप सहज ही समझ सकते हैं कि इंदौर साफ-सफाई में देश में नंबर वन क्यों है? साफ है कि इंदौर को साफ सुथरा बनाने का बीजारोपण आज से 63 वर्ष पहले 1960 में आचार्य विनोबा भावे ने अपनी यात्रा के दौरान ही कर दिया था। समय पर खाद पानी पाकर सफाई की यह मनोवृत्ति हरा-भरा वृक्ष बनकर आप सबके सामने एक नए उदाहरण के साथ प्रस्तुत है। इंदौर की सफलता में पवित्र संकल्प का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। उस इतिहास की अनदेखी कर  वर्तमान की उपलब्धियों का बखान अपने पूर्वजों का ‘अपमान’ ही होगा।

  • गौरव अवस्थी (मोबाइल- 9415-034-340)
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