लखनऊ विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कार्यशाला का आयोजन
ITS LU: लखनऊ विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म स्टडीज (ITS) में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यशाला में सामाजिक जागरूकता फैलाने पर दिया गया। ITS की डायरेक्टर अनुपमा श्रीवास्तव ने बच्चों से महिला अधिकारों को लेकर सामाजिक जागरूकता फैलाने के लिए जुट जाने को कहा।

डायरेक्टर ITS, अनुपमा श्रीवास्तव ने बच्चों से कई अहम मुद्दों पर चर्चा की
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यशाला के दौरान, डायरेक्टर ITS, अनुपमा श्रीवास्तव ने बच्चों के साथ संवाद किया और उन्हें समाज के विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन जानकारी दी। उन्होंने सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। डॉ अनुपमा ने महिला अधिकारों, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, और समानता को लेकर बहुत सी बातें बताईं। उन्होंने बच्चों को यह समझाने का प्रयास किया गया कि ये मुद्दे केवल बड़े लोगों के लिए नहीं, बल्कि हर उम्र के व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण हैं।

सामाजिक जागरूकता के प्रति प्रेरित किया
अनुपमा श्रीवास्तव ने बच्चों को समाज में चल रहे विभिन्न मुद्दों और समस्याओं के प्रति संवेदनशील और जागरूक होने की आवश्यकता महसूस करवाई। उन्होंने उन्हें यह बताया कि समाज में बदलाव लाने के लिए हर व्यक्ति की भागीदारी जरूरी है, और समाज के प्रति अपने दायित्व को समझने और निभाने की आवश्यकता है। उन्होंने बच्चों को प्रेरित किया कि वे केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में ही नहीं, बल्कि सामूहिक रूप से भी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कदम उठाएं, जैसे कि महिला सशक्तीकरण, पर्यावरण की रक्षा, और सामाजिक असमानताओं को दूर करना।

इस तरह, अनुपमा श्रीवास्तव का उद्देश्य बच्चों को ना केवल विभिन्न सामाजिक मुद्दों से अवगत कराना था, बल्कि उन्हें इन मुद्दों के प्रति संवेदनशील और सक्रिय रूप से काम करने के लिए प्रेरित करना भी था। लखनऊ विश्वविद्यालय के द्वितीय परिसर में संस्था इरादा और इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म स्टडीज के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के उद्यमिता विकास को बढ़ावा देना और उनकी स्वास्थ्य संबंधित बीमारियों के प्रति जागरूकता को फैलाना था।

कार्यशाला को गेस्ट स्पीकर मुस्कान उपाध्याय, प्रोफेसर डॉ. अर्चना मिश्रा और डॉ. दयाशंकर सिंह ने भी संबोधित किया।

वर्कशॉप में महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता पर मुस्कान उपाध्याय ने बेबाकी से अपने विचार रखे। डॉ अर्चना मिश्रा ने महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य और एनीमिया के प्रति लोगों को जागरूक किया। वहीं खचाखच भरे हॉल में डॉ दया शंकर सिंह ने महिलाओं को सरकारी योजनाओं के लाभ से अवगत कराया।
कार्यशाला का आयोजन और मुख्य उद्देश्य
इस कार्यशाला का आयोजन उत्कर्ष सिंह चौहान और अनिवेश सिंह ने किया था। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं, शिक्षक और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यशाला का मुख्य फोकस महिलाओं को उनके उद्यमिता कौशल में सुधार करने और स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के प्रति सचेत करने पर था।

विशेषज्ञों द्वारा चर्चा
कार्यशाला के दौरान, विशेषज्ञ वक्ताओं ने महिलाओं के उद्यमिता विकास और स्वास्थ्य से संबंधित बीमारियों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने महिलाओं को उनके उद्यमिता कौशल को और अधिक विकसित करने के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए प्रेरित किया।

महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा पर चर्चा
कार्यशाला में महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के बारे में भी महत्वपूर्ण चर्चा की गई। वक्ताओं ने महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक रहने और अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
मुख्य अतिथि और अध्यक्ष का सम्बोधन
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्याम बिहारी गुप्ता जी (चेयरमैन, गोसेवा आयोग) ने ‘गांव चलो, खेत चलो’ जैसे नारे दिए और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारों और स्वावलंबन के महत्व पर जोर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए, डायरेक्टर ITS, अनुपमा श्रीवास्तव जी ने बच्चों से कई अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की और उन्हें सामाजिक जागरूकता के प्रति प्रेरित किया।
इस कार्यशाला ने महिलाओं के स्वास्थ्य और उनके अधिकारों को लेकर महत्वपूर्ण विचार साझा किए, जिससे उनके व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में सुधार की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने का संदेश मिला।