Thursday, May 15, 2025
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Tarun Bhartiya: तरुण भारतीय की असमय मृत्यु पर श्रद्धांजलि

Tarun Bhartiya: भारत में राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में कई लोग सक्रिय रहे हैं, और इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण नाम था तरुण भारतीय। शिलांग में रहकर वह राष्ट्र निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहे थे। उनकी असमय मृत्यु की खबर ने पूरे देश को गहरे दुख में डुबो दिया।

25 जनवरी 2025 को सुबह 11:00 बजे दिल का दौरा (हार्ट अटैक) आने से 54 वर्ष की आयु में तरुण का निधन हो गया। तरुण भारतीय मूलतः बिहार के थे और अपने प्रारंभिक स्कूली दिनों में पटना में रहे थे। शिलांग में अपने घर-परिवार के साथ रहने वाले तरुण भारती राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में कई तरह के प्रयासों में संलिप्त थे।

उनकी मृत्यु एक दुखद घटना है, जो हमारे दिलों को सदा के लिए सदमे में छोड़ गई। तरुण भारतीय की असाधारण प्रतिभा और योगदान हमेशा याद किए जाएंगे। वह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कविताएं लिखते थे और उनकी कुछ कविताओं का अनुवाद भी किया गया था।

तरुण ने संजय काक द्वारा निर्मित और निर्देशित दो फिल्मों— जश्ने आज़ादी और रेड एंट ड्रीम— का संपादन किया था। इन फिल्मों ने उन्हें भारत के फिल्म पुरस्कारों में नॉन-फीचर फिल्मों के लिए सर्वश्रेष्ठ संपादक के रूप में पहचान दिलाई थी।

25 जनवरी 2025 को तरुण को तीन स्ट्रोक आए, और फिर सुबह 11:00 बजे दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। वे 58 वर्ष के थे। इस दुखद घटना से उनका परिवार— पत्नी एंजेला, बेटी Abia, और दो बेटे Kyntang, Maian— गहरे शोक में हैं।

तरुण भारतीय की शिक्षा विज्ञान में स्नातक और फिर अर्थशास्त्र और मास मीडिया कम्युनिकेशन में आगे की पढ़ाई के साथ फिल्म निर्माण और निर्देशन में अपनी विशेषज्ञता विकसित की। उन्होंने एनडीटीवी में संपादन की दुनिया में कदम रखा था और बाद में बीबीसी से जुड़े। वह नर्मदा बचाओ आंदोलन के समर्थक थे और समाज के विभिन्न मुद्दों पर सक्रिय रहते थे।

तरुण भारती का व्यापक कार्यक्षेत्र था और वह नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के पहचान और उनकी आवाज़ों के मुद्दों पर भी लगातार काम करते थे। उनकी कविताएं, लेखन और फिल्म संपादन ने उन्हें एक विशिष्ट पहचान दी।

तरुण भारतीय की असमय मृत्यु ने उनके परिवार, मित्रों और उनके साथ काम करने वाले सभी लोगों को गहरे दुख में डाल दिया है। उनका योगदान, उनके विचार और उनके द्वारा किया गया काम हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।

हम तरुण भारतीय को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।

लेखक: सी ए प्रियदर्शी, जानेमाने पत्रकार और समाजसेवी

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