Monday, October 14, 2024
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Rashtriya Pustak Mela: लखनऊ में राष्ट्रीय पुस्तक मेला शुरू, जिन्दगी जीने का सलीका सिखाती हैं किताबें

Rashtriya Pustak Mela: यूपी की राजधानी लखनऊ के बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग में आज से शताब्दी वर्ष में ‘काकोरी घटनाक्रम’ के थीम पर केन्द्रित इक्कीसवां पुस्तक मेला प्रारम्भ हो गया। मेले का उद्घाटन वरिष्ठ अधिवक्ता रामजीदास और मध्यांचल के निदेशक कामर्शियल योगेशकुमार ने किया। मेले की थीम पर आज शहीदों को नमन करती नाटिका भी मंचित की गयी। केटी फाउंडेशन और फोर्स वन बुक्स द्वारा संयुक्त रूप से छह अक्टूबर तक चलने वाले इस मेले में कल से साहित्यिक आयोजनों का दौर भी शुरू हो जायेगा।

अमिता दुबे के मंच संचालन में चले उद्घाटन समारोह में अधिवक्ता रामजी दास और जूडो-कराटे एसोसिएशन के अध्यक्ष टीपी हवेलिया ने काकोरी घटनाक्रम के संग किताबों के महत्व पर बात करते हुये कहा कि किताबें जीवन जीने का सलीका सिखाती हैं। अतिथियां योगेश कुमार, दाल मिल एसोसिएशन अध्यक्ष भारत भूषण गुप्ता और लखनऊ व्यापार मंडल के चेयरमैन राजेन्द्र अग्रवाल ने भी विचार रखे। इससे पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने संस्थापक सहयोगी उमेश ढल को याद करते हुए पुस्तक मेलों के 21 साल के सफर के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि इस बार गीता प्रेस गोरखपुर, अनबॉउंड स्क्रिप्ट व वर्धमान बुक दिल्ली, फ्लाइड्रीम इंदौर, शुभी प्रकाशन गुरुग्राम, फ्यूचर सॉल्यूशंस प्रयागराज और नवपल्लव बुक्स लखनऊ के स्टाल पहली बार शामिल हैं। इस मौके पर राजधानी से बाहर होने के कारण उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के पढ़े गये संदेश में बताया गया कि वे मेले में किसी न किसी दिन अवश्य शामिल होंगे।

मेले में आज उद्घाटन से पहले ही युवाओं का आना और किताबों की खरीदारी करना शुरू हो गया था। मेले के अधिकांश स्टाल अच्छी तरह सज चुके थे। यद्यपि शाम को वर्षा हुई फिर भी पुस्तक प्रेमियों का संख्या में इजाफा होता गया। मेला निदेशक आकर्ष चंदेल ने बताया कि बरसात का ख्याल करते हुए 15 हजार वर्ग फीट का वाटरप्रूफ जर्मन हैंगर लगाया गया है। निःशुल्क प्रवेश और प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक चलने वाले देश के प्रसिद्ध पुस्तक मेलों में शामिल इस मेले में पुस्तक प्रेमियों को कम से कम 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

मेले में सजे प्रकाशकों और वितरकों के लगभग डेढ़ सौ स्टालां में वाणी, प्रभात, राजपाल, राजकमल, सस्ता साहित्य मंडल, सेतु प्रकाशन, सम्यक प्रकाशन, गौतम बुक सेंटर, प्रकाशन संस्थान, नई किताब प्रकाशन, रितेश बुक, ऋषभ बुक, ऋषि पब्लिकेशंस, नैय्यर बुक, भारतीय कला प्रकाशन, यूनिवर्सल बुक, गुडवर्ड बुक्स, अरुण बुक्स, याशिका इण्टरप्राइज़ेज़, एजूकेशनल मिराकिल, एजूकेशनल एण्ड साइंटिफिक एड्स, पद्म बुक, शिवांगी बुक, बुक्स एण्ड संस, अदिति बुक, माइण्ड पावर एजूकेशनल, नेशनल काउंसिल उर्दू व प्रकाशन विभाग, मुम्बई से जय बुक, जयपुर से श्रीधुप्तेश्वर, पटना से मेहता बुक, अहमदाबाद से विधि बुक्स, नोएडा से हिन्द युग्म, गाजियाबाद से न्यू बुक, आगरा से निखिल पब्लिशर्स, रायपुर से एंजेल बुक के स्टाल हैं। स्थानीय स्तर पर उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, बोधरस प्रकाशन, दलित साहित्य, दिव्यांश पब्लिकेशंस, रामकृष्ण मठ योगदा सत्संग, राष्ट्रधर्म प्रकाशन, हिंदी वांग्मय निधि, आर्य प्रतिनिधि सभा, ई लोकल शॉप, गायत्री ज्ञान मंदिर, बीइंग बुकिश, अहमदिया कम्युनिटी, द रियल मार्क, सुभाष पुस्तक भंडार, राजू स्टिकर्स, देवेंदर बुक्स इत्यादि के स्टाल सजे हैं।

मेले में आज मेले की थीम काकोरी घटनाक्रम पर नटराज कला मंडल के कलाकारों ने नाट्य प्रस्तुति दी। प्रस्तुति में अन्वेश शुक्ला के साथ चन्द्रशेखर आजाद के रूप में विमल प्रकाश, अशफाकउल्ला के रूप में कबीर खान, राम प्रसाद बिस्मिल के किरदार में शुभम कश्यप, हिन्दुस्तानी अधिकारी व ठाकुर रोशन सिंह के रूप में मनोज गुप्ता के साथ भगतसिंह के रूप में अनिल तिवारी नजर आये। गीत गायन नूपुर ने किया।

28 सितम्बर के कार्यक्रम

पूर्वाह्न 11.00 बजे नवसृजन संस्था की काव्यगोष्ठी
अपराह्न 2.00 बजे बोधरस प्रकाशन की पुस्तकों का लोकार्पण
अपराह्न 3.30 बजे राजकमल प्रकाशन का कार्यक्रम
शाम 5.00 बजे अलका प्रमोद की पुस्तक का विमोचन
शाम 6.30 बजे रेवांत संस्था का कवि सम्मेलन

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