The Nayab Show: नायाब मिड्ढा स्टार और कवयित्री हैं। वो खुद कविताएं लिखती हैं। गाती हैं। मंचों पर परफॉर्म करती हैं। जो भी कहती हैं सीधी-सपाट और बेलाग कहती हैं। उनके हर शब्द और लाइने लोगों को गुदगुदाती हैं। आजकल नायाब मिड्ढा के द नायाब शो (The Nayab Show) की धूम है। देश के कोने-कोने में इस तरह के प्रोग्राम चलते रहते हैं। इससे जुड़ी जानकारी नायाब मिड्ढा के इंटाग्राम पर भी देख सकते हैं।
Muskurao Girl Nayab Midha: मुस्कुराओ गर्ल कवयित्री नायाब मिड्ढा (Nayab Midha) की लाइनें दिलों को हिट कर रही हैं। मुस्कुराओ, जिसके नसीब का था, उसको मिल गया शायद! नायाब की ये कविता लोगों को खूब भा रही है। किसी के साथ कुछ अनहोनी हो रही है, तो मुस्कुराओ कविता की लाइनें यादकर लोग मुस्कुरा दे रहे हैं।
Muskurao Girl Nayab Midha: ‘मुस्कुराओ’ ये कविता इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर हर प्लेटफार्म पर खूब वायरल है। इस झंझावात भरे जीवन में पॉजिटिव रहने की प्रेरणा देती इस कविता को नायाब मिड्ढा (नायाब मिधा) ने ही रचा है। ये कविता भी लोगों के दिलों पर छा गई है।
इस कविता के ज़रिए नायाब (Nayab Midha) लोगों को सकारात्मक रहकर, दुख झेलकर मुस्कुराते रहने की सीख देती हैं। साथ ही अपनी खूबसूरत आवाज़ से लोगों के दिलों पर राज़ कर रही हैं।
Muskurao Girl Nayab Midha: उनकी कविता की चंद लाइनें (मुस्कुराओ, जिसके नसीब का था, उसको मिल गया शायद!), जिनकी वजह से कवयित्री नायाब मिड्ढा रातोंरात एक बड़ी सेलिब्रिटी बन गईं।
Muskurao Girl Nayab Midha: मुस्कुराओ गर्ल नायाब मिड्ढा की लाइनें लोगों की जुबां पर सिर चढ़कर बोल रही हैं। इतना ही नहीं उनकी आवाज़ और कविता कहने के अंदाज़ ने लोगों को दीवाना बना रखा है।
मुस्कुराओ, अगर आज कहीं से हार गए हो!
जीत की ज़रूरत किसी को तुमसे ज़्यादा थी शायद!
मुस्कराओ, अगर कुछ खो गया है!
जिसके नसीब का था, उसको मिल गया शायद!
मुस्कुराओ, अगर दिल टूट गया है!
किसी का जोड़ने के लिए किसी का तोड़ना पड़ता होगा शायद!
रह जाए फिर भी दिल में दर्द कहीं!
तो बांटकर मुस्कुराओ!
है अगर दिल में खुशी ज़्यादा तो सेम प्रोसेज दोहराओ!
मुस्कुराओ!!
Muskurao Girl Nayab Midha: नायाब मिड्ढा टिकटॉक स्टार और कवयित्री हैं। राजस्थान के श्रीगंगानगर के एक पंजाबी परिवार में जन्मी नायाब का जन्म 13 सितंबर 1996 को हुआ था। 26 बसंत देख चुकी मिड्ढा की माँ बिज़नेस वुमेन हैं। उनके पिता बैंकर हैं। 1947 में देश के बंटवारे के बाद नायाब के दादा-दादी पाकिस्तान से आकर राजस्थान के श्रीगंगानगर में बस गए गए थे। इनके माता-पिता दोनों ही पोस्ट ग्रेजुएट हैं।
Muskurao Girl Nayab Midha: ‘मुस्कुराओ’ ये कविता इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल है। पॉजिटिव रहने की प्रेरणा देती इस कविता को मंच पर पढ़ने और लिखने वाली नायाब मिड्ढा अपने हंसमुख स्वभाव के लिए चर्चित हैं।

Muskurao Girl Nayab Midha: मुस्कुराओ गर्ल नायब मिड्ढा (Nayab Midha) कहती हैं कि इस कविता को लिखने और मंच पर कहने का विचार उनके मन में तब आया, जब उनके नए जूते गायब हो गए थे। सबसे ख़ास बात नायाब की ये है कि वो पब्लिक को हंसते-मुस्कुराते और खुश देखना चाहती हैं। ऐसे में वो अपने आवाज़ के जादू से लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती हैं।
मौजूदा समय में कविता की दुनिया में पूरी तरह से रम चुकीं नायाब मिड्ढा (Nayab Midha) अब सिर्फ कविता में ही जीती हैं। वो कविता लिखती हैं। कविता कहती हैं। कविता गुनगुनाती हैं। और कविता को मंचों पर धड़ल्ले से परफॉर्म करती हैं। अब कविता ही उनका जीवन है। और लोगों के चेहरे पर खुशी देखना उनका मकसद बन गया है।
Muskurao Girl Nayab Midha: बहुत सारे दोस्तों के बीच अकेली रहने वाली नायाब कहती हैं कि वो मैथमेटेशियन बनना चाहती थीं। और उनके पापा अपनी बेटी को एक डॉक्टर बनते देखना चाहते थे। मगर किस्मत को और ही मंज़ूर था। वो ना तो गणितज्ञ बन पाईं और ना ही डॉक्टर।
नायाब मुस्कुरा कर कहती हैं कि हिंदुस्तान में एवरेज आदमी की कोई वैल्यू नहीं होती है। और जो कुछ नहीं बना पाता वो इंजीनयर बन जाता है। ऐसे में उन्होंने भी इजीनियरिंग की और दो साल तक इंफोसिस को अपनी सेवाएं भी दीं।
कविता से गहरा जुड़ाव कैसे हुआ? इस पर नायाब कहती हैं कि उनके घर वाले चाहते थे कि आगे बढ़ने के लिए अपने पैरों पर खड़ा होना ज़रूरी है। तो इंफोसिस की नौकरी कर ली और कविता को अपना व्यवसाय बनाना शुरू कर दिया। इसी दौर में उन्हें जब लगा कि वो कविता के माध्यम से घर-गृहस्थी चला लेंगी, तो उन्होंने इंफोसिस को बॉय-बॉय कर दिया। और फिर पूरी तरह से कविता को ही अपना बना लिया।
Muskurao Girl Nayab Midha: मिड्ढा कहती हैं कि उनके लिए राजस्थान के कोटा में पढ़ाई के लिए जाना उनके जीवन का दुख भरा लम्हा था। और वो उस दौर को कभी भूल नहीं सकतीं।
1947 में देश के बंटवारे के बाद नायाब के दादा-दादी आज के पाकिस्तान से आकर राजस्थान के श्रीगंगानगर में बस गए गए थे। इनके माता-पिता दोनों ही पोस्ट ग्रेजुएट हैं।
26 साल की नायाब मिड्ढा ख़ूबसूरत कवयित्री हैं। 5 फुट 4 इंच यानी 163 सेंटीमीटर की कवयित्री की आँखों और बाल का रंग काला है। ट्रैवलिंग उनकी हॉबी है। हिंदू धर्म को मानने वाली मिड्ढा को डांस करना अच्छा लगता है।
सिंह राशि (LEO) की बीटेक ग्रेजुएट नायाब की स्कूलिंग राजस्थान के गंगानगर पब्लिक स्कूल गंगानगर से हुई थी। साथ ही मिड्ढा ने भगवान परशुराम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली से बीटेक की डिग्री हासिल की।
कवयित्री कैसे बनीं? के सवाल पर नायाब खिलखिला कर हँसती हैं। वो कहती हैं कि उनको बचपन से ही डायरी और कविताएं लिखने का शौक था। और वो बचपन से मंचों पर परफॉर्म करती थीं। और अपने लाज़वाब प्रदर्शन से लोगों की तालियां बटोरती थीं। इस दौरान वो ढेरों पुरस्कार जीते। और आज भी ये सिलसिला जारी है।
Muskurao Girl Nayab Midha: आजकल, मुस्कुराओ… ये एक शब्द सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियां बटोर रहा है। नायाब की ये चंद लाइनें कठिन परिस्थितियों में भी मुस्कुराने पर विवश कर रही हैं। नायब मिड्ढा इसी तरह से लोगों में खुशियां बांटती रहें। यही दर्शक और श्रोता चाहते हैं।
The Nayab Show: आजकल नायाब मिड्ढा के द नायाब शो (The Nayab Show) की शहरों में धूम है।
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(Image courtesy: bbc, google & Instagram)