Tuesday, December 3, 2024
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Bindeshwar Pathak Sulabh International: सुलभ इंटरनेशनल फेम बिंदेश्वर पाठक नहीं रहे

Bindeshwar Pathak Sulabh International: सुलभ इंटरनेशनल फेम बिंदेश्वर पाठक नहीं रहे। पद्म भूषण से सम्मानित पाठक के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया। 

बिंदेश्वर पाठक वह शख्सियत थे, जिन्होंने सुलभ इंटरनेशनल के जरिए सुलभ शौचालय को देशभर में पहुंचाया और इसे ब्रांड बनाया। उन्होंने मैला ढोने और खुले में शौच की समस्या पर जीवन भर काम किया। 

Bindeshwar Pathak Sulabh International: सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पाठक ने 15 अगस्त की सुबह राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उसके तुरंत बाद गिर गये। उन्हें एम्स अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। 

Bindeshwar Pathak Sulabh International: 80 वर्षीय सामाजिक सेवा संगठन सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक थे। ये संस्था शिक्षा के माध्यम से मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करती है।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उसके तुरंत बाद गिर गये। उन्हें एम्स दिल्ली ले जाया गया। हॉर्ट अटैक के बाद उन्हें अस्पताल में दोपहर 1.42 बजे मृत घोषित कर दिया गया। 

उनके अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली के महावीर इनक्लेव स्थित सुलभ ग्राम में काफी लोगों की भीड़ उमड़ी। अश्रुपूरित माहौल में दिल्ली में ही अंतिम संस्कार किया गया।

डॉ. पाठक को 2003 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

Bindeshwar Pathak Sulabh International: PM Modi ने कहा- डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए एक गहरी क्षति है। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया।

बिंदेश्वर जी ने स्वच्छ भारत के निर्माण को अपना मिशन बना लिया। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को जबरदस्त समर्थन प्रदान किया। हमारी विभिन्न बातचीत के दौरान स्वच्छता के प्रति उनका जुनून हमेशा दिखता रहा।

उनका काम कई लोगों को प्रेरणा देता रहेगा।’ इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ। शांति।

बिंदेश्वर पाठक वह शख्स है, जिसने सुलभ इंटरनेशनल के जरिए सुलभ शौचालय को देशभर में पहुंचाया। उन्होंने अपने जीवन में मैला ढोने और खुले में शौच की समस्या पर काफी काम किया।

भारत में शौचालय क्रांति लाने वाले बिंदेश्वर पाठक को साल 2015 में ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया था. 

बिंदेश्वर पाठक बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले थे। 80 वर्षीय बिंदेश्वर पाठक को साल 1999 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

साल 2003 में विश्व के 500 उत्कृष्ट सामाजिक कार्य करने वाले व्यक्तियों की सूची में उनका नाम प्रकाशित किया गया। बिंदेश्वर पाठक को एनर्जी ग्लोब समेत कई दूसरे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। 

Bindeshwar Pathak Sulabh International: बिहार और उत्तर प्रदेश से पाठक की एजुकेशन हुई। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से समाज शास्त्र में ग्रेजुएशन की। इसके बाद पटना यूनिवर्सिटी से मास्टर और पीएचडी की। साल 1968-69 में बिहार गांधी जन्म शताब्दी समारोह समिति के साथ उन्होंने काम किया था। यहीं समिति ने उनसे कहा कि वे सस्ती शौचालय तकनीक विकसित करने पर काम करें। उस समय एक उच्च जाति के पोस्ट ग्रेजुएट लड़के लिए शौचालय के क्षेत्र में काम करना आसान नहीं था। लेकिन वे कभी अपने इरादे से पीछे नहीं हटे। उन्होंने मैला ढोने और खुले में शौच की समस्या पर काम किया।

Bindeshwar Pathak Sulabh International: आज हम देश के हर शहर में जो सुलभ शौचालय देखते हैं, वह बिंदेश्वर पाठक (Bindeshwar Pathak) की देन है। उन्होंने सुलभ शौचालय को इंटरनेशनल (Sulabh International) ब्रांड बना दिया। पाठक ने सुलभ शौचालय की शुरुआत की थी। 

इसके बाद साल 1970 में बिंदेश्वर पाठक ने सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की। यह एक सामाजिक संगठन था। सुलभ इंटरनेशनल में उन्होंने दो गड्ढों वाला फ्लश टॉयलेट डेवलप किया। उन्होंने डिस्पोजल कम्पोस्ट शौचालय का आविष्कार किया। इसे कम खर्च में घर के आसपास मिलने वाले सामान से ही बनाया जा सकता था। फिर उन्होंने देशभर में सुलभ शौचालय बनाना शुरू कर दिया। पाठक को अपने काम के लिए भारत सरकार से पद्म भूषण सम्मान मिला था।

कार्डियक अटैक क्या होता है?

जब हार्ट में खून नहीं पहुंचता तब हार्ट अटैक आता है, लेकिन कार्डिएक अरेस्ट में हार्ट अचानक से ही काम करना बंद कर देता है।. जब आर्टिरीज में ब्लड फ्लो रुक जाता है या खत्म हो जाता है, तब ऑक्सीजन की कमी से हार्ट का वह भाग डेड होने लगता है। वहीं, दूसरी तरफ कार्डिएक अरेस्ट में दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है।

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर है?

कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक दोनों ही समस्याएं पीड़ित व्यक्ति के एक ही अंग हृदय को प्रभावित करती हैं, लेकिन इनके लक्षण, कारण और उपचार आदि एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। दिल का दौरा यानि हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय रक्त को पंप करने में विफल रहता है, जबकि कार्डियक अरेस्ट में दिल से खून का प्रवाह रुक जाता है।

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