Friday, December 6, 2024
HomeINDIAMahakumbh 2025: महाकुंभ के लिए जमीन आवंटन की बैठक में ही भिड़े...

Mahakumbh 2025: महाकुंभ के लिए जमीन आवंटन की बैठक में ही भिड़े साधु-संत

Mahakumbh 2025: यूपी के प्रयागराज में होने वाले महाकुम्भ 2025 से पहले अखाड़ों का दो फाड़ खुलकर सामने आ गया। प्रयागराज में जमीन आवंटन को लेकर हो रही अखाड़ों की बैठक में गुरुवार को बवाल हो गया। अखाड़ों के साधु-संत आपस में ही भिड़ गए।

महाकुम्भ 2025 से पहले अखाड़ों में मारपीट हो गई। प्रयागराज में जमीन आवंटन को लेकर हो रही अखाड़ों की बैठक में गुरुवार को बवाल हो गया। अखाड़ों के साधु-संत आपस में ही भिड़ गए। साधुओं में जमकर मारपीट हुई। किसी तरह इन्हें शांत किया जा सका। प्राधिकरण के अफसर देर शाम तक दोनों पक्षों में सुलह समझौता कराने पर जुटे रहे।

महाकुम्भ 2025 के लिए सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों को जमीन का निरीक्षण कराना था। इसे लेकर प्रयागराज में मेला प्राधिकरण कार्यालय के सभागार में बैठक आयोजित की गई थी। शाम तीन बजे मेला प्राधिकरण कार्यालय में सभी को एकत्र होकर त्रिवेणी रोड झूंसी की ओर जाना था।

निरंजनी अखाड़े के सचिव व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी, इसी गुट के महामंत्री महंत हरि गिरि, बड़ा उदासीन अखाड़ा से मुखिया महंत देवेंद्र शास्त्री, महंत शिवानंद कोठारी, महंत देवेंद्र शास्त्री, वैष्णव अखाड़े से महंत हेमंत दास सहित बड़ी संख्या में साधु संत यहां जुट गए।सभी अपनी-अपनी सीट पर बैठ गए और कोई जगह खाली नहीं थी।

इसी बीच शाम तीन बजे के करीब जैसे ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के दूसरे गुट के महामंत्री व अनि अखाड़े के सचिव महंत राजेंद्र दास मौके पर पहुंचे तो सीटें भरी थी। उनके आते ही संत हरहर महादेव कहकर निरीक्षण के लिए आगे निकलने लगे।

इसी दौरान जूना अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेमगिरि से हर-हर महादेव कहने पर दोनों संतों में बहस हो गई।आगे बैठे संतों ने उन्हें घेर लिया। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता मौके पर मारपीट होने लगी। इस दौरान महंत राजेंद्र दास अकेले पड़ते दिखे।

इसके बाद कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, एसपी मेला राजेश दुबे, एडीएम कुम्भ विवेक चतुर्वेदी, एडीएम कुम्भ दयानंद प्रसाद, मेला प्रबंधक विवेक शुक्ला मौके पर पहुंचे और बवाल बढ़ता देख बगल से पुलिस बल भी आ गया। किसी तरह साधु-संतों को शांत किया जा सका।

इसके बाद दोनों पक्षों को मेलाधिकारी अपने कमरे में ले गए। बाद में महंत हरिगिरि गुट के संतों को निरीक्षण के लिए भेज दिया गया। जबकि दूसरा पक्ष वहीं पर धरने पर बैठ गया। इससे निरीक्षण से लौटने के बाद मेलाधिकारी ने बात की। अब दूसरा गुट प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग कर रहा है।”

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

Recent Comments