Saturday, July 27, 2024
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Jairam Lashes PM Modi: जयराम ने पीएम नरेंद्र पर साधा निशाना, कहा- 20,000 करोड़ खर्च करने के बाद गंगा और भी अधिक मैली क्यों हो गई?

Jairam Lashes PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनकी भाषा को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने हमला बोला है। जयराम ने कहाकि वह सिर्फ हिन्दू-मुसलमान करते हैं और देश में विभाजनकारी ताक़तों को बल देते हैं। रमेश ने कहा कि चुनावों में मोदी नाम की लहर नहीं है, बल्कि उनकी भाषा में सिर्फ ज़हर है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि मोदी जी कन्फ्यूज हैं। वह अपने भाषणों में कभी हिन्दू-मुस्लिम, तो कभी मुस्लिम लीग तो कभी मंगल सूत्र की बात करते हैं। जबकि कांग्रेस किसानों, युवाओं, मजदूरों, महिलाओं और पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए पंच न्याय की बात करती है।

जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी और उनके गठबंधन के सहयोगी दल देश में संविधान को बचाने के लिए मौजूदा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों, युवाओं, मजदूरों, महिलाओं और पिछड़े वर्गों में घोर असंतोष है। उन्होंने कहा, ”उन्हें एहसास हो गया है कि किसान, युवा, मजदूर, महिलाएं और पिछड़ा वर्ग उनसे नाराज है और इस चुनाव में जनता सबक सिखाएगी।” 

इससे पहले जयराम रमेश ने वाराणसी में पीएम मोदी के नामांकन दाखिल करने से पहले सोशल मीडिया एक्स पर उनसे कई सवाल पूछे। रमेश ने लिखा, निवर्तमान प्रधानमंत्री को वाराणसी में अपनी विफलताओं पर ज़वाब देना चाहिए। 20,000 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद गंगा और भी अधिक मैली क्यों हो गई?

प्रधानमंत्री ने वाराणसी के उन गांवों को उनके हाल पर क्यों छोड़ दिया, जिन्हें उन्होंने गोद लिया था? प्रधानमंत्री वाराणसी में महात्मा गांधी की विरासत को नष्ट करने पर क्यों तुले हुए हैं?

उन्होंने कहा, 2014 में जब नरेन्द्र मोदी वाराणसी आए थे तब उन्होंने कहा था कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है। उन्होंने पवित्र गंगा को साफ करने का वादा किया। सत्ता में आने के तुरंत बाद, उन्होंने पहले से चल रहे मिशन गंगा को नमामि गंगे नाम दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा के प्राकृतिक प्रवाह को बहाल करने के उद्देश्य को पूरी तरह से त्याग दिया है।

रमेश ने कहा, मनमोहन सिंह सरकार ने गंगा पर राज्य और केंद्र सरकार की पहल के समन्वय के लिए 2009 में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थापना की थी। इस महत्वपूर्ण संस्थान को भी प्रधानमंत्री ने पहले राष्ट्रीय गंगा नदी परिषद का नाम दिया और फ़िर 10 वर्षों के लिए इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

कांग्रेस महासचिव ने कहा, अंत में सात आईआईटी का एक संघ साथ आया और गंगा नदी बेसिन की सुरक्षा और कायाकल्प के लिए एक गंगा नदी बेसिन कार्य योजना की सिफ़ारिश की। उन्होंने दावा किया कि कई खंडों की अंतिम रिपोर्ट मोदी सरकार को सौंपी गई, लेकिन इस रिपोर्ट पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पिछली सरकारों के काम को आगे बढ़ाने और विशेषज्ञों की राय को सुनने के बजाय, प्रधानमंत्री ने अपने प्रयासों को नए सिरे से शुरू करने में करोड़ों रुपए ख़र्च किए।

रमेश ने आरोप लगाया, पिछले दस वर्षों में इस पर 20,000 करोड़ रुपए ख़र्च किए गए हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन सामने आया है।

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