Saturday, December 7, 2024
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Shivranjani: ‘प्राणनाथ’ धीरेंद्र शास्त्री से नहीं मिल पाईं “MBBS” शिवरंजनी! अब पढ़ाई में लगा रहीं मन

Shivranjani: शिवरंजनी तिवारी मेडिकल स्टूडेंट के साथ ही भजन गायिका और कथावाचक हैं। उन्होंने बागेश्वर धाम (बागेश्वर धाम सरकार) के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री से मिलने के लिए पैदल कलश यात्रा की। उन्होंने खैरागढ़ से 8 वर्षों तक संगीत की शिक्षा हासिल की है। शिवरंजनी तिवारी वर्ष 2021 से धीरेंद्र शास्त्री के हर वीडियो को देखती आ रही हैं। शिवरंजनी आजकल अपनी मेडिकल की पढ़ाई के साथ ही धार्मिक कार्यों में व्यस्त हैं। सूत्रों का कहना है कि वो अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं।

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Shivranjani: 29 नवंबर 2002 को शुक्रवार को पैदा हुई शिवरंजनी तिवारी (Shivranjani Tiwari) की धनु राशि है। वो मध्य प्रदेश के सिवनी में पैदा हुईं। बाद में, उनका परिवार मध्य प्रदेश से उत्तराखंड के हरिद्वार में बस गया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में संगीत का अध्ययन किया। अभी वो उत्तराखंड के ऋषिकेष स्थित एम्स में एमबीबीएस कर रही हैं।

इसके साथ ही अभी तक शिवरंजनी कुंआरी हैं। साथ ही जगद्गुरुस्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के खानदान परिवार से ताल्लुक रखती हैं।

Shivranjani: उनके पिता बैजनाथ तिवारी मोटरसाइकिल कंपनी में महाप्रबंधक थे। हालांकि अब वो शिवरंजनी के साथ भजन गायक हैं। उनकी मां पूनम तिवारी कैंसर दवाओं की विशेषज्ञ हैं और अमेरिका के सेंट फ्रांसिस में एक निजी फर्म में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उनका एक छोटा भाई है जिसका नाम हरि तिवारी है।

Shivranjani: 4 साल की नन्ही उम्र से शिवरंजनी ने भजन गाना और कथा का प्रचार कर रही हैं। अध्यात्म में गहरी आस्था है। परमात्मा के प्रति गहरी श्रद्धा है। उनके कुछ भजन “मेरे अंगना में आना मैया” (2018), “हे माँ भवानी” (2019), और “गगरिया भर के” (2023) लोगों में काफी लोकप्रिय हैं।

Shivranjani: शिवरंजनी तिवारी ने अपने परिवार के साथ 1 मई को पैदल कलश यात्रा शुरू की। ये यात्रा उत्तराखंड के गंगोत्री धाम से शुरू हुई और 16 जून 2023 की रात को बागेश्वर धाम पहुंची।

उन्होंने बागेश्वर धाम पहुंचकर बागेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक किया। साथ ही वो 17 जून को अपने पिता, आचार्य के साथ हरिद्वार के लिए रवाना हो गईं। हालांकि उनकी मुलाकात पंडित धीरेंद्र शास्त्री से नहीं हो पाई, क्योंकि धीरेंद्र शास्त्री एकांतवास में हैं।

इस यात्रा में वो पूरे दिन गंगाजल से भरा एक पवित्र बर्तन लेकर चलती थीं। रास्ते में श्रद्धेय संतों और संतों से आशीर्वाद मांगती थीं।

शिवरंजनी तिवारी की यात्रा के बीच, भारतीय कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से शादी करने की उनकी इच्छा के बारे में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अफवाहें फैलीं।

Shivranjani: MBBS छात्रा और भजन गायिका शिवरंजनी तिवारी लगातार ही सुर्खियों में रहीं। इसकी वजह ये है कि वो बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री से मिलना चाहती थीं। अब उन्होंने बागेश्वर धाम के दर्शन करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है।

उन्होंने साफ मीडिया के सामने ये कह दिया कि उनके कहे प्राणनाथ शब्द का गलत मतलब निकाला गया। शिवरंजनी ने कहाकि उन्होंने कभी नहीं कहा कि उनकी बागेश्वर सरकार से शादी का संकल्प है। अब वो बागेश्वर धाम में जल चढ़ाने के बाद वापस अपने घर हरिद्वार लौट जाएंगी।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से विवाह करने की इच्छा रखने वाली एमबीबीएस स्टूडेंट शिवरंजनी तिवारी बागेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक करेंगी। इस दौरान उनके साथ पिता, आचार्य और सैकड़ों श्रद्धालु रहेंगे।

Shivranjani: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री शिव विवाह के सवाल पर शिवरंजनी तिवारी ने कहा अगर मैं सच में शादी करना चाहती हूं तो हमारे अंतर्यामी प्राणनाथ सबकी पर्ची बनाते हैं, हमारे भी मन की बात वह जानते हैं। जब हमारा परिचय बनाएंगे तो मैं शादी करना चाहती हूं या नहीं वो ज़रूर लिखेंगे। मैं बचपन से ही धर्म की यात्राओं करते आ रही हूं। उन्होंने कहाकि बागेश्वर धाम के बालाजी सरकार की इच्छा जब होगी, तब करूंगी दर्शन।

धीरेंद्र शास्त्री को प्राणनाथ बताने वाली शिवरंजनी तिवारी ने तुलसीदास जी की चौपाई दोहराते हुए कहा कि जन्म, विवाह, मरण गति सोई, जहां जस लिखा, तहां तस होई। यानी शादी का तो पता नहीं, लेकिन जिंदगी और मौत कब, कहां, कैसे आ जाए, यह कहा नहीं जा सकता।

Shivranjani: धीरेंद्र शास्त्री से शादी के सवाल पर शिवरंजनी ने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि मेरा शादी का संकल्प है, ना ही मेरा पर्चा खुला, न ही मेरे संकल्प के बारे में किसी को पता चला। शिवरंजनी ने गंगौत्री से बागेश्वर धाम तक की यात्रा पर कहा कि मेरा जो संकल्प था वह यह था ”मैं पूज्य बालाजी के दर्शन करूं और मैं जब 11वीं में थी तब बायोलॉजी (Biology) सब्जेक्ट लिया था। मैं कैंसर की डॉक्टर बनना चाहती हूं, बालाजी मुझे इस फील्ड में सक्सेस दे देना। यही मेरी कामना थी। मेरी शादी की कोई कामना नहीं थी, लोगों ने वे वजह मेरी यात्रा को शादी से जोड़ दिया।

वहीं, शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी शैलेंद्र योगीराज के भगवा वस्त्र पहनने के सवाल पर उन्होंने कहाकि भगवा वस्त्र केवल साधु-संतों की निशानी है और यह प्यार की परिभाषा है, तो ऐसा कहीं लिखा हुआ है कि जो यह हमारे भगवान श्रीराम का रंग है इसे केवल साधु-संत ही पहन सकते हैं। कोई कन्या नहीं पहन सकती। भगवा रंग मेरी पसंद है, भगवान राम की पसंद है तो भला किसी को क्या आपत्ति हो सकती है।

Shivranjani: शिवरंजनी तिवारी बागेश्वर धाम के लिए निकलेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम सरकार नहीं मिले तो भी जाऊंगी दर्शन करने। मन में जो संकल्प लिया है उसको पूरा करूंगी।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक प्रमुख कथावाचक, धार्मिक उपासक, और आध्यात्मिक गुरु हैं। उन्होंने अपने जीवन को आध्यात्मिक अनुभवों और गहरी ध्यान प्रक्रियाओं में समर्पित किया है। उनके गर्वग्रंथ और साधना से वे लोगों को अपने आसपास की जटिलताओं से निकालने और आत्मसात करने की कला सिखाते हैं।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गर्वग्रंथ आध्यात्मिक ज्ञान, धर्म, संस्कृति, और मानवीय जीवन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर आधारित हैं। उनके लेख और उपदेश आसान भाषा में होते हैं जो आम जनता तक पहुंचने के लिए उपयुक्त हैं।

Shivranjani:पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का आध्यात्मिक मार्गदर्शन कई विषयों पर आधारित है। वे मन, शरीर, और आत्मा के मध्य संतुलन बनाने की महत्वपूर्णता पर बल देते हैं। उनके ग्रंथों में आपको योग, मेधावी बनने के तकनीक, मन के नियंत्रण, और आत्म-प्रेम के विषय में अमूल्य ज्ञान प्राप्त होगा।

इसके अलावा, पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गर्वग्रंथ विभिन्न आध्यात्मिक विचारधाराओं को समाविष्ट करते हैं, जिनमें संख्या शास्त्र, वेदांत, भक्ति योग, और ज्ञान योग शामिल हैं। यह विवेचनात्मक ग्रंथ आपको आध्यात्मिक साधना की महत्वपूर्ण और व्यापक ज्ञान प्रदान करेंगे।

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