Saturday, July 27, 2024
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Prostitute Word Court: अदालती फैसलों में गिरी हुई औरत, छेड़छाड़ और वेश्या जैसे शब्द अब नहीं दिखेंगे!

यौन उत्पीड़न, यौनकर्मी, गृहिणी जैसे शब्दों का सुझाव

महिला की पोशाक उसे छूने का आमंत्रण नहीं: सुप्रीम कोर्ट

महिलाओं के अत्यधिक भावुक, अतार्किक होने की सोच रूढ़िवादी

Prostitute Word Court: अदालती फैसलों में गिरी हुई औरत और वेश्या जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर ज़ल्द ही रोक लग सकेगी। छेड़छाड़, वेश्या और हाउस वाइफ जैसे शब्द जल्द ही कानूनी शब्दावली से बाहर हो सकते हैं। इसकी जगह सड़क पर यौन उत्पीड़न, यौनकर्मी और गृह स्वामिनी (होममेकर) जैसे शब्द ले सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कानून शब्दावली में इनकी जगह यौन उत्पीड़न, यौनकर्मी और गृहिणी जैसे शब्दों का इस्तेमाल का सुझाव दिया है।

Prostitute Word Court: सुप्रीम कोर्ट ने लैंगिक भेदभाव को दर्शाने वाले शब्दों के इस्तेमाल करने से बचने के लिए एक हैंडबुक को लॉन्च किया। हैंडबुक में लैंगिक अन्यायपूर्ण शब्दों की शब्दावली है। साथ ही इसमें वैकल्पिक शब्द और वाक्यांश सुझाए गए हैं जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है। 

इसमें कहा गया है कि हैंडबुक महिलाओं के लिए सामान्य रूढ़िवादिता की पहचान करती है। यह हैंडबुक न्यायाधीशों को अदालती आदेशों और कानूनी दस्तावेजों में अनुचित लिंग शब्दों के इस्तेमाल से बचने में मार्गदर्शन करेगी।

Prostitute Word Court: कानून शब्दावली में यौन उत्पीड़न, यौनकर्मी और गृहिणी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने हैंडबुक को लॉन्च किया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,

ये शब्द अनुचित हैं और अतीत में न्यायाधीशों द्वारा इसका इस्तेमाल किया गया है। हैंडबुक का इरादा आलोचना करना या निर्णयों पर संदेह करना नहीं, बल्कि केवल यह दिखाना है कि अनजाने में कैसे रूढ़िवादिता का उपयोग किया जा सकता है। 

ये शब्द अनुचित हैं और अतीत में न्यायाधीशों द्वारा इसका इस्तेमाल किया गया है। हैंडबुक का इरादा आलोचना करना या निर्णयों पर संदेह करना नहीं, बल्कि केवल यह दिखाना है कि अनजाने में कैसे रूढ़िवादिता का उपयोग किया जा सकता है। 

इस हैंडबुक में लैंगिक अन्यायपूर्ण शब्दों की शब्दावली है। साथ ही इसमें वैकल्पिक शब्द और वाक्यांश सुझाए गए हैं जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने कहा,

Prostitute Word Court: हैंडबुक ऑन कॉम्बैटिंग जेंडर रूढ़िवादिता’ का उद्देश्य न्यायाधीशों और कानूनी समुदाय के सदस्यों को महिलाओं के बारे में रूढ़िवादिता को पहचानने, समझने और उसका मुकाबला करने के लिए सशक्त बनाना है। इसमें लैंगिक अन्यायपूर्ण शब्दों की एक शब्दावली है और दलीलों, आदेशों और निर्णयों सहित कानूनी दस्तावेजों में इस्तेमाल के लिए वैकल्पिक शब्दों और वाक्यांशों का सुझाव है।

हैंडबुक ऑन कॉम्बैटिंग जेंडर रूढ़िवादिता’ का उद्देश्य न्यायाधीशों और कानूनी समुदाय के सदस्यों को महिलाओं के बारे में रूढ़िवादिता को पहचानने, समझने और उसका मुकाबला करने के लिए सशक्त बनाना है। इसमें लैंगिक अन्यायपूर्ण शब्दों की एक शब्दावली है और दलीलों, आदेशों और निर्णयों सहित कानूनी दस्तावेजों में इस्तेमाल के लिए वैकल्पिक शब्दों और वाक्यांशों का सुझाव है।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इस हैंडबुक को तैयार करने का मकसद किसी फैसले की आलोचना करना या संदेह करना नहीं, बल्कि यह बताना है कि अनजाने में कैसे रूढ़िवादिता की परंपरा चली आ रही है। 

Prostitute Word Court: उन्होंने कहाकि कोर्ट का उद्देश्य यह बताना है कि रूढि़वादिता क्या है और इससे क्या नुकसान है। ताकि कोर्ट महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल से बच सकें। इसे जल्द ही सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। 

छेड़छाड़, वेश्या और हाउस वाइफ जैसे शब्द जल्द ही कानूनी शब्दावली से बाहर हो सकते हैं और इसकी जगह सड़क पर यौन उत्पीड़न, यौनकर्मी और गृह स्वामिनी (होममेकर) जैसे शब्द ले सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक पुस्तिका का विमोचन किया, जिसमें अनुचित लैंगिक शब्दों की शब्दावली है और इनकी जगह वैकल्पिक शब्द तथा वाक्यांश सुझाए गए हैं जिनका उपयोग किया जा सकता है।

हैंडबुक में कर्तव्यनिष्ठ पत्नी, आज्ञाकारी पत्नी, फूहड़, स्पिनस्टर जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी नहीं करने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि अगर कोई न्यायाधीश मामलों पर फैसला करते समय या फैसले लिखते समय लोगों या समूहों के बारे में पूर्वकल्पित धारणाओं पर भरोसा करता है तो इससे होने वाला नुकसान बहुत बड़ा हो सकता है। 

Prostitute Word Court: इसमें कई रूढ़िवादी शब्दों और उनके विकल्पों को सूचीबद्ध किया गया है। इसमें अफेयर को शादी के इतर रिश्ता, प्रॉस्टिट्यूट को सेक्स वर्कर, अनवेड मदर (बिनब्याही मां) को मां चाइल्ड प्रॉस्टिट्यूड को तस्करी करके लाया बच्चा एफेमिनेट (जनाना) की जगह जेंडर न्यूट्रल शब्दों का प्रयोग, कॉन्क्युबाइन (रखैल) को ऐसी महिला जिसका शादी के इतर किसी पुरुष से शारीरिक संबंध हो, जैसे शब्दों से बदला गया है। समलिंगी या फैगोट के बजाय, न्यायाधीशों को व्यक्ति के यौन रुझान (उदाहरण के लिए, समलैंगिक या उभयलिंगी) का सटीक वर्णन करना चाहिए। इसमें कहा गया है कि गिरी हुई औरत, वेश्या जैसे शब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट यह भी कहा है कि किसी महिला के चरित्र के बारे में उसके कपड़ों आदि की पसंद या यौन संबंधों के इतिहास के आधार पर धारणाएं बनाई जाती हैं। कोर्ट ने कहा, असलियत यह है कि एक महिला की पोशाक न तो यौन संबंध में संलग्न होने का इशारा देती है और न ही उसकी पोशाक उसे छूने का आमंत्रण है।

Prostitute Word Court: साथ ही इस हैंडबुक में लैंगिक रूप से अन्यायपूर्ण शब्दों और वाक्यांशों की एक शब्दावली शामिल की गई है। इस व्यापक सूची में सुप्रीम कोर्ट में विस्तार से उस रूढ़िवादी सोच के बारे में बताया है जो सेक्स और यौन हिंसा के मामले में पुरुष और महिला पर लागू किया जाता है। कोर्ट ने यह व्याख्या भी की है कि ऐसी सोच क्यों गलत है।

Prostitute Word Court: हैंडबुक में महिलाओं के गुणों के बारे में कुछ धारणाओं को सूचीबद्ध किया गया है और बताया गया है कि ऐसी धारणाएं गलत क्यों हैं। रूढ़िवादी सोच यह है कि महिलाएं अत्यधिक भावुक, अतार्किक होती हैं और निर्णय नहीं ले पाती हैं, जबकि वास्तविकता यह है किसी इंसान का लिंग उसकी तर्कसंगत विचार क्षमता को निर्धारित या प्रभावित नहीं करता है। रूढ़िवादी सोच है कि अविवाहित महिलाएं अपने जीवन के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेने में असमर्थ होती हैं जबकि वास्तविकता यह है विवाह का किसी व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

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