Saturday, July 27, 2024
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George Soros: अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस से क्यों घबरा रही बीजेपी? 

बीजेपी ने राहुल गाँधी के अमेरिकी दौरे पर सवाल खड़े किए

George Soros: अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस से घबराई बीजेपी ने राहुल के अमेरिकी दौरे पर सवाल खड़े किए हैं। बीजेपी ने राहुल गाँधी से जॉर्ज सोरेस को लेकर संबंधों पर खुलासा करने की माँग की है।

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George Soros: जॉर्ज सोरोस धनाढ्य लोगों में से एक हैं। फोर्ब्स के अनुसार, सोरोस की कुल संपत्ति 6.7 बिलियन डॉलर है। सोरोस एक बार फिर सुर्खियों में हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेरिका दौरे पर सवाल उठाए हैं। ईरानी ने पूछा कि राहुल की यात्रा के दौरान उनके साथ जॉर्ज सोरोस से जुड़े लोग क्यों थे?

George Soros: अरबपति जॉर्ज सोरोस और राहुल गाँधी के बीच क्या खिचड़ी पक रही है। उसको लेकर बीजेपी हमलावार है। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेरिका दौरे पर सवाल खड़े किए हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पूछा कि राहुल गांधी के दौरे के दौरान उनके साथ जॉर्ज सोरोस से जुड़े लोग क्यों थे? यह जानते हुए भी कि सोरोस देश के खिलाफ काम कर रहे हैं, फिर भी उनसे जुड़े लोग उनके साथ बैठे दिखाई दे रहे हैं।

सोरोस भारत में पहली बार विवादों में नहीं हैं। इससे पहले अदाणी के मुद्दे पर मोदी सरकार पर टिप्पणी कर वह विवादों में आए थे।

George Soros: वह भारत के प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भी आलोचक रहे हैं। 2020 में सोरोस ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) में मोदी सरकार की आलोचना की थी और कहा था कि राष्ट्रवाद आगे बढ़ रहा है और उन्होंने कहा था कि यह भारत में ‘सबसे बड़े झटके’ की तरह है।

इसके बाद इसी साल फरवरी में अरबपति जॉर्ज सोरोस अदाणी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपनी टिप्पणी के बाद भारत में विवादों में आ गए। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तब सोरोस पर पलटवार करते हुए कहा था कि अरबपति सोरोस भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

सोरोस का जन्म हंगरी के बुडापेस्ट में 1930 में हुआ था। उनका जन्म एक समृद्ध यहूदी परिवार में हुआ था, लेकिन 1944 में हंगरी में नाजियों के आगमन के कारण उनके शुरुआती दिन संघर्ष भरे रहे।

George Soros: कहा जाता है कि सोरोस ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अपनी पढ़ाई के लिए रेलवे पोर्टर और वेटर के रूप में काम किया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर की ओर से बनाए गए यातना शिविरों में भेजे जाने से बचाने के लिए सोरोस को परिवार से अलग रहना पड़ा। सोरोस 1947 में अपने परिवार के साथ लंदन चले गए। सोरोस ने दर्शनशास्त्र का अध्ययन किया और दार्शनिक बनने की योजना बनाई।

सोरोस ने अपना फंड बनाने से पहले लंदन मर्चेंट बैंक में काम किया। सोरोस 1956 में न्यूयॉर्क शहर चले गए जहां उन्होंने यूरोपीय प्रतिभूतियों के विश्लेषक (एनालिस्ट) के रूप में काम करना शुरू किया। जॉर्ज सोरोस पर 1997 में थाईलैंड की मुद्रा (बाहट) पर सट्टा लगाकर उसे कमजोर करने के भी आरोप लगे। हालांकि खुद सोरोस इस आरोप से इंकार करते हैं।

उनका नाम उस वित्तीय संकट से जोड़ा गया था जो उस वर्ष एशिया के अधिकांश हिस्सों में फैल गया था। मलेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री महातिर बिन मोहम्मद ने रिंगिट के पतन के लिए भी सोरोस को जिम्मेदार ठहराया था।

सोरोस ने 1984 में अपनी संपत्ति के कुछ हिस्सों का उपयोग करके ओपन सोसाइटी फाउंडेशन नामक एक परोपकारी संगठन की स्थापना की। ओपन सोसाइटी कई परोपकारी संगठनों का नेटवर्क था। 1969 से 2001 तक जॉर्ज सोरोस ने एक प्रसिद्ध हेज फंड टाइकून के रूप में न्यूयॉर्क में ग्राहकों के धन का प्रबंधन किया।

सोरोस ने 2010 में ह्यूमन राइट्स वॉच को 100 मिलियन डॉलर का दान दिया था। उदारवादी रुख और डेमोक्रेटिक पार्टी से नजदीकी के कारण सोरोस को अक्सर कंजरवेटिव और रिपब्लिकन पार्टी की आलोचना का शिकार होना पड़ता है।

ब्रिटानिका के अनुसार, सोरोस की ओपन सोसाइटी फाउंडेशन 21वीं सदी की शुरुआत से 70 से अधिक देशों में काम कर रहा है। 2017 में ऐसी खबरें आई थीं कि सोरोस ने हाल के वर्षों में ओपन सोसाइटी फाउंडेशन को करीब 18 अरब डॉलर दिए हैं। सोरोस ने वर्ष 2022 में डेमोक्रेटिक पार्टी को 128.5 मिलियन डॉलर का दान दिया और और वे सबसे बड़े दानदाता रहे। सोरोस अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के राष्ट्रपति अभियान के पीछे भी एक प्रमुख चेहरा थे।

अमेरिकी अरबपति-परोपकारी जॉर्ज सोरोस पर आरोप लगाया जाता है कि वे राजनीति को आकार देने और सत्ता परिवर्तन के लिए अपने धन और प्रभाव का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने 2020 में राष्ट्रवाद के प्रसार से निपटने के लिए एक नए विश्वविद्यालय नेटवर्क को एक बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद देने का एलान किया था।

जॉर्ज सोरोस को बैंक ऑफ इंग्लैंड को बर्बाद करने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। जिस तरह से भारत में रिजर्व बैंक (आरबीआई) काम करता है उसी तरह ब्रिटेन में बैंक ऑफ इंग्लैंड काम करता है। सोरोस पर आरोप लगते हैं कि हेज फंड मैनेजर ने एक समय पर ब्रिटिश मुद्रा (पाउंड) को शॉर्ट कर एक बिलियन डॉलर का मुनाफा कमाया था। फोर्ब्स के अनुसार, 29 जून, 2023 तक जॉर्ज सोरोस की कुल संपत्ति 6.7 बिलियन डॉलर है। वह दुनिया के सबसे धनाढ्य लोगों में से एक हैं।

George Soros: राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे के बाद जॉर्ज सोरोस फिर चर्चा में आ गए हैं। दरअसल, बुधवार को भाजपा कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल के अमेरिका दौरे की एक फोटो साझा की। इसमें एक बैठक के दौरान राहुल गांधी और अन्य लोग बैठे हैं। इसमें एक महिला भी शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने उस महिला का नाम सुनीता विश्वनाथ बताया। उन्होंने दावा किया कि सुनीता को अमेरिकी उद्योगपति सोरोस से आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है। ईरानी ने सवाल किया कि राहुल को जवाब देना चाहिए कि वे लोगों के साथ क्या बात कर रहे थे?

उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले भी यह मुद्दा उठाया है। हम सब जानते हैं कि किस प्रकार से सोरोस भारत में लोकतांत्रित तरीके से चुनी हुई सरकार को हटाना चाहते हैं। जब सोरोस के इरादे हर हिंदुस्तानी को पता थे, तो ऐसी क्या मजबूरी थी कि राहुल ने सोरोस के सहयोगी के साथ बैठक में हिस्सा लिया।

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क्षमा बिंदु

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