Friday, July 26, 2024
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AJIT PAWAR: शरद पवार को बड़ा झटका, अजित पवार महाराष्ट्र के डिप्टी CM बने

31 महीने में तीसरी बार शपथ ली; NCP के 8 विधायक भी मंत्री बने

AJIT PAWAR: NCP में बड़ी फूट हुई। अजित पवार विधायकों के साथ महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए। अजित ने पार्टी के नाम और सिंबल पर भी अधिकार जताया है। वहीं NCP के संस्थापक शरद पवार का कहना है कि अजित ने मुझे धोखा दिया, उन्हें जनता जवाब देगी।

महाराष्ट्र में रविवार को बड़ा पॉलिटिकल उलटफेर हुआ। NCP के नेता अजित पवार ने शिवसेना के एकनाथ शिंदे की एनडीए सरकार में डिप्टी CM पद की शपथ ली। शपथ के तुरंत बाद ट्विटर प्रोफाइल बदला और लिखा- डिप्टी सीएम ऑफ महाराष्ट्र।

AJIT PAWAR: अजित पवार 8 विधायकों छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल, धर्मराव अत्राम, संजय बनसोड़े, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ के साथ दोपहर करीब 2 बजे राजभवन पहुंचे। 3 बजते-बजते CM शिंदे और डिप्टी CM देवेंद्र फडवणीस की मौजूदगी में सभी को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, अजित पवार समेत बाकी विधायक शरद पवार के पटना में विपक्षी एकता बैठक में मंच साझा करने और राहुल गांधी के साथ सहयोग करने के एकतरफा फैसले से नाराज थे।

AJIT PAWAR: महाराष्ट्र में अगले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके छह महीने पहले आम चुनाव होंगे। अजित के सरकार में शामिल होने के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पहले से ज्यादा सीटें जीतेंगे। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हमारी सरकार को 40 NCP विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

ऐसे में अब महाराष्ट्र में नेता विपक्ष का पद कांग्रेस को मिल सकता है। विपक्ष में सबसे ज्यादा 44 सीटें कांग्रेस के पास हैं।

AJIT PAWAR: शपथ समारोह के बाद अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा- मंत्रिमंडल का और विस्तार होगा। कुछ मंत्री सरकार में शामिल हो सकते हैं। कई दिनों से इस बारे में बातचीत चल रही थी। पीएम मोदी देश के विकास के लिए पिछले 9 साल से कई काम कर रहे हैं। मुझे लगा कि हमें भी उनका साथ देना चाहिए। इसलिए मैं NDA में शामिल हुआ।

महाराष्ट्र को विकास करने वाला नेतृत्व चाहिए। भुजबल और मैंने विकास को तवज्जो दी। केंद्र का सहयोग और पैसा महाराष्ट्र को मिलता रहे। इसलिए हमने यह फैसला लिया। पार्टी भी हमारे साथ है। आगे भी सभी चुनाव हम पार्टी के नाम और सिंबल पर ही लड़ेंगे।

नगालैंड में भी ऐसा हुआ था। वहां भी हमारी पार्टी के चुने गए 7 विधायकों ने ‌BJP के साथ जाने का फैसला लिया था। हमने उद्धव के साथ भी सरकार बनाई थी, तो शिंदे के साथ जाने में क्या गलत है। हमारे पास सरकार चलाने का अनुभव है।

AJIT PAWAR: छगन भुजबल बोले- शरद पवार ने भी कहा था कि देश में मोदी सरकार ही फिर से आने वाली है। कई लोग कहेंगे कि हमारे खिलाफ जांच एजेंसियों के केस हैं, इसलिए हम साथ आए, लेकिन कई विधायक हैं, जिनके खिलाफ कोई केस नहीं है, वे भी शिंदे सरकार के साथ आए हैं।

अजित और छगन भुजबल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शरद पवार मीडिया के सामने आए। वे बोले- ये पार्टी मैंने बनाई थी। पार्टी के कार्यकर्ताओं पर मुझे पूरा विश्वास है। मैं महाराष्ट्र में घूमकर कार्यकर्ताओं को एकजुट करुंगा। अजित ने पार्टी से बगावत की है। 2024 का चुनाव विपक्ष के साथ मिलकर लड़ा जाएगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजित पवार शरद पवार से नाराज चल रहे थे। पहली बार 2 मई को जब शरद पवार ने NCP अध्यक्ष पद छोड़ा था तो इस बात की संभावना थी कि अजित पवार को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है। जब पार्टी नेताओं और समर्थकों ने शरद पवार के फैसले का विरोध किया तो अजित ने खुलेआम कहा था कि इस विरोध से कुछ नहीं होगा।

पवार साहब अपना फैसला नहीं बदलेंगे। हालांकि 4 दिन में ही पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। वे जब इस बात की जानकारी मीडिया को देने आए तो अजित पवार वहां मौजूद नहीं थे। तब इस बात की चर्चा थी कि अजित शरद पवार के फैसले से नाराज हैं।

दूसरी घटना हाल ही में पार्टी संगठन में हुए फेरबदल को लेकर है। शरद पवार ने 10 जून यानी पार्टी के 25वें स्थापना दिवस पर बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष समेत विभिन्न राज्यों का प्रभार दे दिया। इसके बाद अजित पवार की नाराजगी की खबरें आईं। हालांकि उन्होंने इससे इनकार किया था। शरद पवार ने भी कहा कि अजित पहले से ही विपक्ष के नेता के तौर पर बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वे राज्य देखेंगे।

AJIT PAWAR: अजित पवार ने रविवार को मुंबई में अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों के साथ मीटिंग की। इसमें पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले मौजूद थीं। अजित पवार के राजभवन पहुंचने के दौरान NCP चीफ शरद पवार पुणे में थे। उन्हें विधायकों की मीटिंग की जानकारी नहीं थी। बाद में जब उन्हें इसका पता लगा तो बोले- अजित पवार विपक्ष के नेता हैं तो उन्हें विधायकों की बैठक बुलाने का अधिकार है।

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