पर्यटन अध्ययन संस्थान लखनऊ विश्वविद्यालय और हल्दीराम स्किल अकादमी के बीच महत्वपूर्ण MoU पर हस्ताक्षर
लखनऊ, 6 मई 2025 — लखनऊ विश्वविद्यालय के अंतर्गत पर्यटन अध्ययन संस्थान (Institute of Tourism Studies – ITS) ने हल्दीराम स्किल अकादमी (Haldiram Skill Academy – HSA) के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 (PMKVY 4.0) के अंतर्गत फूड एंड बेवरेज (F&B) सेवा एवं उत्पादन से जुड़े प्रशिक्षण और रोजगार सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।

एमओयू के उद्देश्य और महत्व
इस समझौते का प्रमुख उद्देश्य युवाओं को आतिथ्य सेवा क्षेत्र में आवश्यक कौशल प्रदान कर उन्हें स्थायी रोजगार उपलब्ध कराना है। यह पहल भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत संचालित PMKVY 4.0 योजना के अंतर्गत शुरू की गई है, जो युवाओं को व्यावसायिक दक्षता प्रदान कर रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देती है।

MoU पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी
समझौता ज्ञापन पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति और इस पहल के मुख्य संरक्षक प्रोफेसर आलोक कुमार राय तथा हल्दीराम स्किल अकादमी की निदेशक रीता कपूर द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
कुलपति का वक्तव्य
प्रो. आलोक कुमार राय ने इस अवसर पर कहा,
“प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 के तहत यह सहयोग भारत के युवाओं को आतिथ्य क्षेत्र में स्थायी रोजगार के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने की दिशा में एक समयानुकूल और अत्यंत आवश्यक पहल है। यह MoU विश्वविद्यालय की अकादमिक गतिविधियों और उद्योग की वास्तविक आवश्यकताओं के बीच सेतु का कार्य करेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि यह साझेदारी भविष्य में शिक्षा और उद्योग के सहयोग के लिए एक आदर्श मॉडल सिद्ध होगी।
प्रशिक्षण कार्यशाला की रूपरेखा
इस साझेदारी के अंतर्गत ITS और HSA मिलकर 400 घंटे का एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करेंगे। यह प्रशिक्षण विशेष रूप से F&B सेवा और रसोई संचालन (प्रोडक्शन) के व्यावसायिक मानकों के अनुरूप तैयार किया जाएगा।
- प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद एवं पात्रता परीक्षा पास करने वाले प्रतिभागियों को संयुक्त प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।
- उन्हें उत्तर प्रदेश में स्थित हल्दीराम के आउटलेट्स में सुनिश्चित रोजगार भी प्रदान किया जाएगा।
- इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागी वे युवा होंगे, जिन्होंने कम से कम 12वीं कक्षा (इंटरमीडिएट) उत्तीर्ण की हो।
- इस कार्यक्रम से जुड़ी किसी तरह की जानकारी के लिए संस्थान के ईमेल आईडी – its@lkouniv.ac.in पर संपर्क किया जा सकता है.
कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि
इस MoU हस्ताक्षर समारोह में कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे, जिनमें शामिल हैं:
- प्रो. मनुका खन्ना (प्रो-वाइस चांसलर)
- प्रो. गीतांजलि मिश्रा (डीन, एकेडेमिक)
- जितेन आचार्य (प्रिंसिपल, HSA)
- पीयूष सिंह (HSA)
शिक्षकों और कर्मचारियों की सहभागिता
समारोह में विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित संकाय सदस्य प्रो. अवधेश त्रिपाठी, प्रो. ए. के. सिंह, प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव, प्रो. राकेश द्विवेदी, प्रतिमा भाटिया, डॉ सुधीर कुमार मिश्र, एस एम एच रिज़वी, डॉ अमर कुमार तिवारी, डॉ सुयश यादव, डॉ रवि कुमार तोलानी, सुयश गुप्ता, डॉ नीतिका, राम अचल त्रिपाठी, डॉ. शालिक राम पाण्डेय एवं काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। साथ ही पर्यटन अध्ययन संस्थान का पूरा स्टॉफ मौजूद था.
शिक्षा और उद्योग के सहयोग की दिशा में मील का पत्थर
यह रणनीतिक साझेदारी न केवल युवाओं को उद्योग-प्रासंगिक कौशल प्रदान करने में सहायक होगी, बल्कि शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग को मजबूती देने वाली एक मील का पत्थर सिद्ध होगी। यह एफएंडबी क्षेत्र में कौशल की खाई को पाटने और व्यावसायिक दक्षताओं को विकसित करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
डॉ. अनुपमा को खुद की तारीफ पसंद नहीं
वैसे तो पर्यटन अध्ययन संस्थान की निदेशक डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव अपनी कोई तारीफ नहीं सुनना चाहती है. मगर वो हैं एक समर्पित, दूरदर्शी और कर्मठ शिक्षाविद्। उन्होंने अकादमिक जगत में उच्च मानदंड स्थापित किए हैं। पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में न केवल शिक्षा के स्तर को ऊँचाइयों तक पहुँचाया है, बल्कि संस्थान को उद्योग-उन्मुख कौशल विकास की दिशा में भी अग्रणी बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
बता दें कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 के अंतर्गत प्रस्तावित एफएंडबी प्रशिक्षण कार्यशाला का संचालन खुद डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव करेंगी. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मात्र अकादमिक अभ्यास नहीं है, बल्कि युवाओं को व्यावहारिक, रोजगारोन्मुख कौशल देने की दिशा में एक सशक्त हस्ताक्षर है। डॉ. श्रीवास्तव की सक्रिय निगरानी और मार्गदर्शन में तैयार यह 400 घंटे का कार्यक्रम प्रशिक्षण की गुणवत्ता, प्रासंगिकता और व्यावसायिक मानकों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है।
इस परियोजना को मूर्त रूप देने में डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। MoU के क्रियान्वयन से पहले की सभी रूपरेखा तैयार करने, पाठ्यक्रम को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने, हल्दीराम स्किल अकादमी से समन्वय स्थापित करने, और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाने में उन्होंने विशेष प्रयास किए। उनका नेतृत्व और दृष्टिकोण इस समझौते के सफल निष्पादन का आधार रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन, उद्योग जगत और संस्थान के बीच एक मजबूत संवाद स्थापित किया, जिससे यह रणनीतिक साझेदारी संभव हो सकी।
डॉ. श्रीवास्तव न केवल एक कुशल प्रशासक हैं, बल्कि विद्यार्थियों और सहकर्मियों के लिए प्रेरणा स्रोत भी हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम केवल एक प्रमाणपत्र-आधारित पहल न रहकर, छात्रों के लिए एक व्यावहारिक और आजीविका-सृजन का माध्यम बने। उनका उद्देश्य है कि छात्रों को ऐसे कौशल मिलें जो उन्हें तुरंत रोजगार दिलाने में सक्षम बनाएं, विशेषतः आतिथ्य और खाद्य सेवा जैसे तेज़ी से बढ़ते क्षेत्रों में।
डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव की सक्रिय भागीदारी, अथक मेहनत और दूरदर्शिता ने न केवल इस साझेदारी को सफल बनाने में मदद की, बल्कि पर्यटन अध्ययन संस्थान को कौशल विकास के राष्ट्रीय एजेंडे में एक सशक्त भागीदार के रूप में स्थापित किया। उनकी भूमिका इस पूरी प्रक्रिया में रीढ़ की हड्डी के समान रही है — जो न केवल संगठनात्मक कार्यों को संतुलित करती है, बल्कि भविष्य की संभावनाओं का मार्ग भी प्रशस्त करती है।