Saturday, July 27, 2024
HomePERSONALITYAriha Shah: 29 माह की अरिहा को जर्मनी नहीं सौंपा तो कभी...

Ariha Shah: 29 माह की अरिहा को जर्मनी नहीं सौंपा तो कभी नहीं मिल पाएगी भारतीय माँ-बाप को 

वतन वापसी पर भारत सख्त, जर्मन राजदूत तलब

Ariha Shah: भारतीय बेबी अरिहा की वतन वापसी को लेकर भारत सरकार ने सख्ती दिखाई है। जर्मनी के राजदूत तलब को तलब किया है। वहीं अरिहा की माँ ने बताया कि जर्मन कानून के मुताबिक इस महीने तक अगर अरिहा ना मिली तो वो बेटी को नहीं सौंपेंगे।

Ariha Shah: भारतीय बेबी अरिहा शाह 20 महीने से जर्मनी में फंसी है। वहां उसे चाइल्ड केयर सेंटर में रखा गया है। बच्ची के माता-पिता पर आरोप लगाकर बेबी को कस्टडी में भेजा गया था। हालांकि, बाद में आपराधिक आरोप हटा लिए गए। लेकिन बच्ची को गुजरात की रहने वाले भारतीय दंपति को नहीं सौंपा गया।

Ariha Shah: जर्मनी में फंसी गुजरात की बेबी अरिहा शाह के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। अरिहा नाम की बच्ची को जर्मनी के फोस्टर केयर में 20 महीने से रखा गया है। इस मामले में बच्ची की मां लगातार मोदी सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रही है। इस मामले में सरकार ने इस हफ्ते जर्मनी के राजदूत को तलब किया था।  

Ariha Shah: भारतीय बच्ची अरिहा की रिहाई को लेकर भारत ने इस हफ्ते जर्मनी के राजदूत फिलीप एकरमैन (Philipp Ackermann) को तलब किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची का कहना है कि अरिहा मामले को लेकर इस हफ्ते एकरमैन को तलब किया गया था। भारत का कहना है कि बच्चे के लिए धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक माहौल का होना बहुत महत्वपूर्ण है।  

Ariha Shah: पिछले साल दिसंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरिहा मामले को लेकर जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बायरबॉक के समक्ष चिंता जताई थी। परिजनों का आरोप है कि बच्ची को बर्लिन में 20 महीने से फोस्टर केयर सेंटर में रखा गया है. 

क्या है मामला?

Ariha Shah: गुजरात का एक दंपति पिछले डेढ़ साल से अपनी बच्ची से हजारों मील की दूरी पर है और उससे मिलने की गुहार लगा रहा है। अहमदाबाद के भावेश शाह और धारा शाह भारत में हैं, जबकि उनकी दो साल की बेटी अरिहा जर्मनी में है। 

Ariha Shah: सितंबर 2021 इस परिवार के लिए बहुत बुरा साबित हुआ। वर्क वीजा पर जर्मनी के बर्लिन गए इस गुजराती परिवार की दुनिया उस समय बिखर गई, जब अरिहा के प्राइवेट पार्ट पर चोट लग गई और अस्पताल ले जाने पर मां-बाप पर ही यौन उत्पीड़न का आरोप लगा। इसके बाद अरिहा को प्रशासन ने फोस्टर केयर होम भेज दिया। सितंबर 2021 के बाद ही यह परिवार अरिहा की कस्टडी के लिए कानूनी जंग लड़ रहा है।

यह दंपति बीते सालभर से गुहार लगा रहा है कि उन्हें उनकी बेटी लौटा दी जाए। बता दें कि डॉक्टर को अरिहा के डाइपर पर खून मिल था, जिसके बाद बच्ची को प्रशासन ने फोस्टर केयर होम भेज दिया था। अरिहा तभी से फोस्टर केयर होम में है। 

जर्मन सरकार के नियमों के तहत अगर किसी बच्चे को फोस्टर केयर होम में रहते हुए दो साल हो जाते हैं तो उस बच्चे को उनके मां-बाप को नहीं लौटाया जाता। 

Ariha Shah: अरिहा की मां धरा का कहना है कि इस साल अगस्त के अंत में अरिहा को फोस्टर केयर होम में दो साल पूरे हो जाएंगे। जर्मन सरकार के नियमों के तहत अगर किसी बच्चे को फोस्टर केयर होम में रहते हुए दो साल हो जाते हैं तो उस बच्चे को उनके मां-बाप को नहीं लौटाया जाता। 

इससे पहले पिछला साल नवंबर में अरिहा की मां धारा शाह अपनी बच्ची की कस्टडी पाने के लिए गुजरात में बीजेपी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गई थीं। उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में हस्तक्षेप कर उनकी मदद करें। धारा का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी इस मामले में हस्तक्षेप करें और उनकी बेटी को उन तक पहुंचाने में मदद करें।

मां धारा का कहना है कि उनकी बेटी फिलहाल किसी ईसाई परिवार के पास है और उसने जर्मन भाषा बोलना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि मामले की सुनवाई में सालों लग सकते हैं। लेकिन तब तक उन्हें अरिहा की कस्टडी मिलनी चाहिए या उसे किसी रिश्तेदार को सौंप देना चाहिए। बेटी अरिहा की कस्टडी की मांग को लेकर उसके माता- पिता जंतर मंतर पर भी प्रदर्शन कर चुके हैं। 

Ariha Shah: अरिहा शाह की मां धारा शाह ने बताया कि बच्ची अब 29 महीने की हो गई। 20 महीने से मुझसे दूर है। जब बच्ची 7 महीने की थी, तब उसके डाइपर मुझे ब्लड दिखा था। इस पर मैं उसे लेकर डॉक्टर के पास पहुंची। वहां डॉक्टर ने ‘सब ठीक है’… कहकर वापस भेज दिया। बाद में जब हम फॉलोअप के लिए गए तो उन्होंने चाइल्ड केयर सर्विस को फोन करके बुला लिया और उन्हें बच्ची को सौंप दिया। परिजन पर भद्दा और झूठा आरोप लगाने की कोशिश की गई। हम पर बच्ची के साथ सेक्सुअल एब्यूज का आरोप लगाया गया. लेकिन, हम सच्चे थे। क्योंकि हम खुद डॉक्टर के पास लेकर गए थे। हालांकि डॉक्टर की रिपोर्ट के बाद सेक्सुअल एब्यूज को खारिज कर दिया गया। बच्ची के पिता और दादा के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। फरवरी 2022 में पुलिस ने यह केस बंद कर दिया। हमें लगा कि इन लोगों की जो भी गलतफहमी थी, वो क्लियर हो गई है। अब हमें बच्ची दे दी जाएगी। उसके बावजूद चाइल्ड केयर ने पेरेंटल कस्टडी को टर्मिनेट करने का केस जारी रखा।

Ariha Shah: अरिहा का जन्म 2021 में जर्मनी में हुआ था। उसके माता-पिता के अनुसार, उसे उसी साल अस्पताल ले जाया गया था जब “दादी ने गलती से उसके बाहरी जननांग क्षेत्र को चोट पहुंचाई थी।” अस्पताल ने अधिकारियों को सचेत करते हुए कहाकि उन्हें “यौन उत्पीड़न” का संदेह है।

भारतीय माता-पिता की एक बच्ची, जिसे आकस्मिक चोट के कारण अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद जर्मनी में बाल देखभाल अधिकारी ले गए थे। माता-पिता के खिलाफ कोई आरोप दायर नहीं होने के बावजूद, बच्चा उन्हें वापस नहीं किया गया।

Ariha Shah: बेबी अरिहा के मुद्दे पर पूरा हिंदुस्तान एक साथ खड़ा है। मगर सवाल ये है कि कानून पर किसका जोर है। अगर अरिहा दो साल की हो गई और उसे जर्मनी ने उसके माता-पिता को नहीं दिया तो क्या होगा। इस हालात में भारतीय माँ-बाप का क्या होगा। 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments