Kishtwar Tragedy: जम्मू-कश्मीर किश्तवाड़ में बादल फटने से आई आपदा में कम से कम 50 की मौत हो चुकी है। आंकड़ा बढ़ने का डर है। यह बादल फटने की घटना जिस चोसिटी गांव में हुई है, वहां मचैल माता की यात्रा के लिए बेस कैंप बनाए जाते हैं। जानकारी के अनुसार वहां बड़े पैमाने पर टेंट लगे थे।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने का ये हादसा मचैल माता की तीर्थ यात्रा के रूट पर स्थित है। इस साल अब तक ढाई लाख लोग मंदिर के दर्शन कर चुके हैं। देश भर से लोग यहां पहुंचते रहे हैं। ऐसे में डर है कि यहां हताहत होने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने भी बड़ी तबाही का डर जताया है और देश भर के लोगों से दुआओं की अपील की है। आपदा में कम से कम 40 की मौत हो चुकी है। यह बादल फटने की घटना जिस चोसिटी गांव में हुई है, वहां मचैल माता की यात्रा के लिए बेस कैंप बनाए जाते हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार वहां बड़े पैमाने पर टेंट लगे थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती क्षेत्र में हुई भीषण बादल फटने और इसके कारण आई बाढ़ से प्रभावित परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं हैं। हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं। जरूरतमंदों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रमुख मोहम्मद इरशाद ने बताया कि राहत टीमों ने अब तक 100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है, जबकि शुरुआती अनुमान के मुताबिक करीब 50 लोग अब भी लापता हैं।