Saturday, October 12, 2024
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Nag Panchami 2023: नाग पंचमी पर क्यों होती है नागों की पूजा, अष्ट नागों को जानिए

Nag Panchami 2023: नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा होती है। नागों की पूजा विधि-विधान से करने पर काफी लाभ मिलता है। 

Nag Panchami 2023: ज्योतिष के अनुसार पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता माने गए हैं। नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा, व्रत रखने और कथा पढ़ने से व्यक्ति को कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है, भय दूर होता है और परिवार की रक्षा होती है।

नाग देवता की पूजा के साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इस दिन रुद्राभिषेक कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

Nag Panchami 2023 : नाग पंचमी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता माने गए हैं। नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा, व्रत रखने और कथा पढ़ने से व्यक्ति को कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है, भय दूर होता है और परिवार की रक्षा होती है।

नाग पंचमी पर्व भगवान शिव के प्रिय नाग देवता की पूजा के लिए समर्पित है। पूजन के लिए घर के दरवाजे के दोनों तरफ नाग की आठ आकृतियां बनाकर हल्दी, रोली, चावल, घी, कच्चा दूध, फूल एवं जल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करें। इस दिन एक दिन पूर्व बनाए गए भोजन का भोग लगाने का विधान है। 

इसके अलावा शिवालयों में भगवान शिव के गले की शोभा बढ़ाने वाले तांबे के नाग की भी पूजा की जाती है। पूजन के बाद नाग देवता की आरती करें और वहीं बैठ कर नागपंचमी की कथा पढ़ें। मान्यता है कि नागपंचमी पर सांपों को दूध चढ़ाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है। 

साथ ही नागदेवता की पूजा से घर में धन आगमन का स्रोत बढ़ता है। नाग देवता की पूजा के साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इस दिन रुद्राभिषेक कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।  

धार्मिक मान्यता के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग देवता की आराधना करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। 

नाग पंचमी के दिन अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक अष्टनागों का ध्यान कर पूजा करें। इसके बाद नाग देवता से घर में सुख-शांति और सुरक्षा की प्रार्थना करें।

पौराणिक कथा के अनुसार,अर्जुन के पौत्र और राजा परीक्षित के पुत्र जन्मजेय ने सर्पों से बदला लेने और नाग वंश के विनाश के लिए एक नाग यज्ञ किया। क्योंकि उनके पिता राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नामक सर्प के काटने से हुई थी। 

Nag Panchami 2023: नागों की रक्षा के लिए इस यज्ञ को ऋषि जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि ने रोका था। उन्होंने सावन की पंचमी वाले दिन ही नागों को यज्ञ में जलने से रक्षा की थी। और इनके जलते हुए शरीर पर दूध की धार डालकर इनको शीतलता प्रदान की थी। 

Nag Panchami 2023: उसी समय नागों ने आस्तिक मुनि से कहाकि पंचमी को जो भी मेरी पूजा करेगा उसे कभी भी नागदंश का भय नहीं रहेगा। तभी से पंचमी तिथि के दिन नागों की पूजा की जाने लगी।जिस दिन इस यज्ञ को रोका गया, उस दिन श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी एवं तक्षक नाग व उसका शेष बचा वंश विनाश से बच गया। 

Nag Panchami 2023: अब जानिए नाग पंचमी की व्रत कथा। एक बार किसी गांव में एक किसान रहता था। किसान के एक बेटी और दो बेटे थे। किसान बहुत मेहनती था। अपने परिवार को पालन-पोषण के लिए वो खुद हल चलाता था। एक दिन हल जोतते हुए किसान ने गलती से एक नागिन के अंडों को कुचल दिया और सभी अंडे नष्ट हो गए। नागिन खेत में नहीं थी। जब वह लौटी तो बहुत गुस्सा हुई और उसने बदला लेने की ठान ली। नागिन ने कुछ ही समय बाद किसान के बेटों को डँस लिया, जिससे दोनों की मौत हो गई।

नागिन किसान की बेटी को भी डँसना चाहती थी। लेकिन वो घर पर नहीं थी। अगले दिन नागिन फिर किसान के घर आई तो देखकर बहुत हैरान हुई, क्योंकि किसान की बेटी ने नागिन के सामने एक कटोरी में दूध रख दिया और नागिन से माफी मांगने लगी। किसान की बेटी के इस रवैये से नागिन बहुत खुश हुई और नागिन ने दोनों भाइयों को जीवित कर दिया। 

यह घटना श्रावण शुक्ल की पंचमी को हुई थी, यही कारण है कि इस दिन नागों की पूजा की जाती है। 

वहीं एक दूसरी कथा के मुताबिक एक राजा की रानी गर्भवती थी। उसने राजा से जंगल से फल लाने की इच्छा व्यक्त की।

राजा वन से करैली तोड़ने लगा। तभी वहां नाग देवता आ गए और कहाकि तुमने मेरी आज्ञा की बिना करैली क्यों तोड़ी? राजा ने क्षमा मांगी, लेकिन नाग देवता ने एक न सुनी। 

Nag Panchami 2023: राजा ने नाग देवता से कहाकि मैंने रानी को वचन दिया है, इसलिए वो करैली को घर ले जाना चाहते हैं। नाग देवता ने कहा ठीक है ले जाओ लेकिन इसके बदले में तुम्हें अपनी पहली संतान मुझे देनी पड़ेगी। राजा को कुछ समझ में नहीं आया कि क्या करे। राजा ने वचन दे दिया और घर आ गया।

Nag Panchami 2023: घर आकर राजा ने रानी को सारी बात बताई। रानी ने एक बेटे और एक बेटी को जन्म दिया। कुछ ही दिनों में नाग राजा के घर संतान लेने पहुंचा। राजा ने कहाकि पहली संतान लड़की हुई थी, लड़की के मुंडन के बाद आना, तभी दूंगा। राजा की बात मानकार नाग वहां से चला गया। नाग फिर आया, राजा ने नाग को कहाकि शादी के बाद आना। लेकिन नाग ने सोचा की शादी के बाद तो पिता का पुत्री पर कोई अधिकार ही नहीं रहता। इसलिए नाग ने लड़की को उठा ले जाने की योजना बनाई।

Nag Panchami 2023: एक दिन नाग राजा की बेटी को उठाकर ले गया और राजा को बता दिया। राजा ने जैसे ही बेटी को ले जाने की बात सुनी तो राजा की उसी समय मौत हो गई। राजा की मौत की खबर सुनकर रानी भी मर गई। अब घर में राजा का लड़का अकेला रह गया। राजा के बेटे को उसके रिश्तेदारों ने लूट लिया और भिखारी बना लिया। राजा का बेटा भीख मांगने लगा। एक दिन भीख मांगते हुए राजा का लड़का नाग के घर पहुंचा तो उसकी बहन ने उसे पहचान लिया और फिर दोनों भाई-बहन प्रेमपूर्वक रहने लगे। तभी से यह त्योहार मनाया जाता है।

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