Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ RSS प्रमुख Mohan Bhagwat ने कहाकि जातियां भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई, जो गलत है। भगवान के लिए हम सभी एक हैं। हमारे समाज को बांटकर पहले देश में आक्रमण हुए, फिर बाहर से आए लोगों ने इसका फायदा उठाया।
Mohan Bhagwat: भागवत ने कहाकि हमारे समाज को बांटकर लोगों ने हमेशा से फायदा उठाया। सालों पहले देश में आक्रमण हुए, फिर बाहर से आए लोगों ने हमें बांटकर फायदा उठाया। नहीं तो हमारी ओर नज़र उठाकर देखने की भी किसी में हिम्मत नहीं थी। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं। जब समाज में अपनापन खत्म होता है तो स्वार्थ अपने आप बड़ा हो जाता है।
Mohan Bhagwat: देशभर में रामचरितमानस की एक चौपाई को लेकर छिड़े विवाद के बीच मोहन भागवत ने यह बयान दिया है। बता दें कि समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था- तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिन पर आपत्ति है। इसमें वह शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं।
आरएसएस चीफ ने कहा, ‘देश में हिन्दू समाज के नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता, आपको समझना होगा। हमारी आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी जिम्मेदारी होती है। हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, नीचा, या कोई अलग कैसे हो गया?
Mohan Bhagwat: आरएसएस चीफ Mohan Bhagwat ने कहाकि देश में विवेक, चेतना सभी एक है, उसमें कोई अंतर नहीं है। सिर्फ लोगों के मत अलग हैं। धर्म को हमने बदलने की कोशिश नहीं की, बदलता तो धर्म छोड़ दो, ऐसा बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा। परिस्थिति को कैसे बदलो, यह बताया है।’
मोहन भागवत ने कहाकि किसी भी स्थिति में अपना धर्म ना छोड़िए। संत रविदास समेत सभी बुद्धजीवियों के कहने का तरीका अलग था, लेकिन उन्होंने यही बताया कि हमेशा धर्म से जुड़े रहो। हिन्दू और मुसलमान सभी एक ही हैं।
उन्होंने कहाकि काशी का मंदिर टूटने के बाद शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को पत्र लिखा था। शिवाजी ने कहा कि हिन्दू हो या मुस्लिम, हम सभी हम ईश्वर की संतान हैं। आपके राज में एक के ऊपर अत्याचार हो रहा है, वह गलत है। सब का सम्मान करना आपका कर्तव्य है, अगर यह नहीं रुका तो तलवार से इसका जवाब दूंगा।
समाज और धर्म को द्वेष के नज़र से मत देखो। गुनी बनो और धर्म का पालन करो। समाज में बेरोज़गारी बढ़ रही है, क्योंकि लोग काम में भी बड़ा-छोटा देखते हैं। जबकि संत रविदास कहते थे कि लगातार कोशिश करते रहो, एक दिन समाज ज़रूर बदलेगा। आज भारत को दुनिया में सम्मान से देखा जाता है।
Mohan Bhagwat: मोहन भागवत ने कहा, मेरी खुशनसीबी है कि आज मुझे संत रविदास पर बोलने का सौभाग्य मिला। संत रविदास और बाबासाहेब ने समाज में सामंजस्य स्थापित करने के लिए काम किया है। संत रविदास ने देश और समाज के विकास के लिए राह दिखाई। समाज को मज़बूत करने और आगे बढ़ाने के लिए जिस परंपरा की ज़रूरत थी, वो इन्होंने ही दी।
संत रविदास ने कहा था कि धर्म के अनुसार कर्म करो। पूरे समाज को जोड़ो, समाज के उन्नति के लिए काम करना ही यही धर्म है। बस अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही धर्म नहीं है।