Sunday, October 13, 2024
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Mahua Ethics Committee: कैश फॉर क्वेरी के आरोपों में फंसीं महुआ के संसद से निष्कासन की सिफारिश

  • एथिक्स कमेटी के 6 मेंबर्स ने पक्ष में वोट किया, 4 ने विरोध
  • TMC सांसद बोलीं- अगली लोकसभा में वापस आऊंगी

Mahua Ethics Committee: संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने (कैश फॉर क्वेरी) के आरोपों में फंसीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। 9 नवंबर को इस मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी की बैठक हुई, जिसमें पहले 479 पेज की जांच रिपोर्ट को मंजूरी दी गई। इसके बाद कमेटी के 10 में से 6 मेंबर्स ने महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने के लिए वोट किया। 4 मेंबर्स ने इसके विपक्ष में वोट दिया।

2 नवंबर को महुआ एथिक्स कमेटी की पूछताछ के लिए संसद पहुंची थीं। करीब साढ़े तीन घंटे के बाद वे भड़कते हुए बाहर निकली थीं। महुआ ने कमेटी के चेयरमैन पर अपमानजनक सवाल पूछने के आरोप लगाए थे।

सूत्रों के मुताबिक, ये रिपोर्ट शुक्रवार 10 नवंबर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को सौंपी जाएगी। हमारा एजेंडा सिर्फ रिपोर्ट को स्वीकार करना था। वहीं, कमेटी के जिन 4 सदस्यों ने महुआ के निष्कासन का विरोध किया, उन्होंने रिपोर्ट को पूर्वाग्रह से ग्रस्त और गलत बताया।

एथिक्स कमेटी की सिफारिश के बाद महुआ ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘ये कंगारू कोर्ट में पहले से फिक्स मैच की तरह था। भले ही वे मुझे निष्कासित कर दें, अगली लोकसभा में मैं ज्यादा वोटों से जीतकर वापस आऊंगी।’

बीजेपी सांसद और कमेटी मेंबर अपराजिता सारंगी ने कहा- कांग्रेस सांसद प्रनीत कौर ने सच का साथ दिया। मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं। कोई भी सही सोच वाला व्यक्ति महुआ मोइत्रा का समर्थन नहीं करेगा।

बसपा सांसद और एथिक्स कमेटी के मेंबर दानिश अली ने कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर और भाजपा सदस्यों पर कार्यवाही को लीक करने और नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया। दानिश ने यह भी कहा कि कमेटी ने महुआ को लेकर कठोर सिफारिश की है।

उधर, महुआ मामले में टीएमसी के दूरी बनाने पर सीपीएम ने कहाकि ममता बनर्जी और उनकी पार्टी को इस मामले में बात करने में शर्म आ रही है। सीपीएम नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि महुआ मामले के सामने आने के कई दिन बाद अभिषेक बनर्जी ने बयान क्यों दिया? असल में महुआ अडाणी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलती हैं तो टीएमसी उन पर (महुआ मोइत्रा) कोई कमेंट नहीं करती।

अभिषेक ने 9 नवंबर को कहा- महुआ अपनी जंग खुद लड़ने की काबिलियत रखती हैं। वो पॉलिटिक्स का शिकार हुई हैं। बिना कुछ साबित हुए किसी के खिलाफ कार्रवाई कैसे की जा सकती है। केंद्र सरकार मुझे भी पिछले चार साल से परेशान कर रही है। ये भाजपा की आदत हो गई है।

एथिक्स कमेटी की कंपोजिशन के मुताबिक, बहुमत एनडीए का है. कमेटी में चेयरमैन समेत कुल 15 सदस्य हैं. कमेटी में बीजेपी के 7 सदस्य हैं. महुआ मोइत्रा घूसकांड मामले में जांच रिपोर्ट के पक्ष में परनीत कौर (कांग्रेस), हेमंत गोडसे (शिवसेना), सुमेधानंद (बीजेपी), अपराजिता सारंगी (बीजेपी), राजदीप रॉय (बीजेपी) और विनोद कुमार सोनकर (बीजेपी और चेयरमैन) ने वोट किए. जबकि बीएसपी सांसद दानिश अली, पीआर नटराजन (सीपीएम), वैथिलिंगम (कांग्रेस), गिरधारी यादव (जेडीयू) ने इसका विरोध किया. अब कमेटी शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के पास जांच रिपोर्ट भेजेगी. सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने की सिफारिश की है.

सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के व्यवहार को अनैतिक मानते हुए उनकी संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, एथिक्स कमेटी ने अपनी 500 पेज की रिपोर्ट में लोकसभा सचिवालय से महुआ मोइत्रा के लिए कड़ी सजा की सिफारिश की है. कमेटी ने कहा कि इस पूरे मामले की विधि सम्मत, सघन, संस्थागत और समयबद्ध जांच हो. बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से महुआ मोइत्रा के कैश लेन-देन की भी जांच की सिफारिश की गई है.

एथिक्स कमेटी ने अपनी सिफारिश में सबसे प्रमुख आधार राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाया गया. अपनी सिफारिश में कमेटी ने कहा है कि महुआ मोइत्रा ने अपनी संसदीय अकाउंट की लॉग-इन डिटेल अनाधिकृत व्यक्तियों के साथ शेयर की हैं, जिसका असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ता है. कमेटी ने इसे गंभीर अपराध माना है और इसलिए महुआ मोइत्रा की लोकसभा की सदस्यता बर्खास्त करने की सिफारिश की गई है. एथिक्स कमेटी ने लॉग-इन आईडी और पासवर्ड शेयर करने के आरोपों पर कहा है कि इस गंभीर अपराध के लिए महुआ को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

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